Pahalgam Terror Attack: भयावह आतंकी हमले पर विहिप का बड़ा एलान, 'इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान का नाश हो नहीं तो...'
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी निंदा की है। विहिप ने कहा है कि अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान और उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। विहिप ने 25 अप्रैल को इस्लामिक आतंकियों के पर्यटकों पर कायराना हमले के विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई भयावह आतंकी घटना की निंदा की। साथ ही कहा अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान व उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित कर घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का समूल नाश हो।
वहीं, कश्मीर में इस्लामिक आतंकियों के पर्यटकों पर कायराना हमले पर आक्रोष व्यक्त करने के लिए विश्व हिंदू परिषद व बजरंगदल द्वारा 25 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई है।
पूरा देश स्तब्ध व आक्रोशित
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि कश्मीर घाटी के पहलगाम में जिस प्रकार यात्रियों के पेंट उतारकर, कलमा पूछकर और आईडी चेक कर, जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं है, उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है। इस अमानवीय घटना पर संपूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है। यह साफ दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है।
डा .जैन ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी मौजूद हैं जो पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी आतंकवाद के इन घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं।
सांसद ने दिया था ये बयान
उन्होंने स्मरण कराया कि कुछ दिन पूर्व ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं। उसके कुछ दिन के बाद ही, पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा कि था हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है। अपने उस एजेंडे की पूर्ति के लिए ही शायद उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया।
यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं
विहिप पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं, पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध खुले युद्ध की घोषणा है। इसका जवाब भारत सरकार को उतनी ही शक्ति से देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद के दिन दुबारा लौटने का और पाकिस्तान का कोई नेता या सैन्य अधिकारी इस तरह के शब्द बोलने की दुस्साहस ना कर सके।
सड़क पर उतरने का साहस नहीं
डा. जैन ने यह भी कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता लेकिन, उसका मजहब अवश्य होता है, यह साफ दिखाई देता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत के मुस्लिम नेता इस निर्मम नरसंहार पर क्यों चुप्पी साधे हैं? वे वक्फ एक्ट का झूठा डर दिखाकर तो पूरे देश में अफरा-तफरी मचा सकते हैं लेकिन, कश्मीर घाटी में मारे गए इन मासूम हिंदू यात्रियों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरने का साहस नहीं कर सकते।
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उन्होंने कहा यह स्थिति अच्छी नहीं है। इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता। पूरा देश इस समय गुस्से में है। इस पर जल्द और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा यह आक्रोश और बढ़ सकता है।
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