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Delhi pollution Latest News: वायु प्रदूषण के साथ दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरे की घंटी बना ओजोन प्रदूषण

Delhi pollution Latest News सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने शुक्रवार को जारी किए गए अपने विश्लेषण में पाया है कि ओजोन गैस सर्दियों के दौरान भी समान रूप से मजबूत चिंता के रूप में उभरी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:59 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:59 AM (IST)
Delhi pollution Latest News: वायु प्रदूषण के साथ दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरे की घंटी बना ओजोन प्रदूषण
Delhi pollution Latest News: वायु प्रदूषण के साथ दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरे की घंटी बना ओजोन प्रदूषण

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण के बाद ओजोन प्रदूषण भी दिल्ली एनसीआर के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। अब यह भी सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी बढ़ने लगा है। सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने शुक्रवार को जारी किए गए अपने विश्लेषण में पाया है कि यह गैस सर्दियों के दौरान भी समान रूप से मजबूत चिंता के रूप में उभरी है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी कहती हैं, ''ओजोन अब साल भर चलने वाली समस्या है जिसके लिए स्वच्छ वायु कार्यक्रमों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओजोन एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील गैस है। यहां तक कि अल्पकालिक जोखिम भी श्वसन की स्थिति को बढ़ा सकता है जिससे आपातकालीन अस्पताल में प्रवेश हो सकता है।

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सीएसई के सस्टेनेबल सिटीज प्रोग्राम की अर्बन लैब टीम के प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी कहते हैं, विश्लेषण से पता चलता है कि सर्दियों के महीनों में भी ओजोन मानकों को पूरा नहीं करने वाले दिनों की संख्या बढ़ने लगी है, जिससे सर्दियों का स्माग और अधिक जहरीला हो गया है। मूल्यांकन में जुलाई 2018 और जुलाई 2021 के बीच विभिन्न मौसमों - गर्मी (मार्च-जून), सर्दी (अक्टूबर-फरवरी) और मानसून (जुलाई-सितंबर) के दौरान रुझानों का पता लगाया गया है।

विश्लेषण की मुख्य बातें

दिल्ली में ''अच्छे'' श्रेणी के दिनों (दैनिक आठ घंटे की एकाग्रता मानक से 50 फीसद नीचे) में गिरावट शुरू हो गई है। 2020 में दिल्ली में 115 ''अच्छे'' दिन थे, जो 2019 की तुलना में 24 दिन कम थे। ओजोन निर्माण एक अति-स्थानीय घटना है। दो पड़ोसी स्टेशनों के बीच ओजोन स्तरों में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर का अंतर हो सकता है। 27 अप्रैल 2021 को दिल्ली में स्थानों के बीच 150 माइक्रोग्राम/घन मीटर तक भिन्नता देखी गई, जबकि यमुना से सटे क्षेत्रों, लुटियन दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली ने कम ओजोन स्तर दिखा। दक्षिणी, मध्य और उत्तरी दिल्ली में उच्च स्तर दर्ज किया गया। 


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