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    ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर कालाबाजारी में रेस्टोरेंट संचालक नवनीत कालरा पर शिकंजा

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Fri, 07 May 2021 09:50 PM (IST)

    लोधी कॉलोनी पुलिस ने नेगे जू रेस्टोरेंट एवं बार में छापा मारकर गौरव सतीश सेठ विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार कर उनसे 419 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद किए थे। ये लोग एक्सपेक्ट एवरीथिंग ऑनलाइन पोर्टल के जरिये ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बेच रहे थे।

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    नवनीत चावला से ठिकानों से पुलिस अब तक 524 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद कर चुकी है

    नई दिल्ली [अरविंद द्विवेदी]। कोरोना संक्रमण के कहर के बीच ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की कालाबाजारी बढ़ गई है। छह मई को लोधी कॉलोनी पुलिस ने नेगे जू रेस्टोरेंट एवं बार में छापा मारकर गौरव, सतीश सेठ, विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार कर उनसे 419 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद किए थे। ये लोग एक्सपेक्ट एवरीथिंग ऑनलाइन पोर्टल के जरिये ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बेच रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम ने रेस्टोरेंट के संचालक नवनीत कालरा के कई ठिकानों पर छापेमारी की तो 96 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और बरामद हुए। इससे आशंका जताई जा रही है कि इस जीवनरक्षक मशीन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का मुखिया नवनीत कालरा ही है। शुक्रवार को पुलिस ने नवनीत कालरा के खान मार्केट स्थित खान चाचा रेस्टोरेंट से 96 और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद किए।

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    दक्षिणी जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया की नवनीत कालरा अपने रेस्टोरेंट में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बेच रहा था। पुलिस उसके ठिकानों पर छापेमारी कर कंसेंट्रेटर बरामद कर रही है। शुक्रवार को टीम ने खान मार्केट स्थित खान चाचा रेस्टोरेंट से 96 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किया है। वहीं, टाउन हॉल रेस्टोरेंट से भी नौ कंसेंट्रेटर बरामद किए गए हैं। दो दिनों से की जा रही छापेमारी में अब तक 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद हुए है। पुलिस को पता चला है कि वह अभी उत्तराखंड में छिपा हुआ है। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।

    यूरोप से मंगाए थे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर

    सूत्रों के अनुसार, नवनीत कालरा ने अपने के एक दोस्त गगन दुग्गल की कंपनी मैट्रिक्स सेल्युलर के संपर्कों की सहायता से यूरोप से सैकड़ों ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मंगाए थे जिन्हें उसने छतरपुर स्थित अपने खुल्लर फार्महाउस में रखे थे। फार्महाउस से कंसेंट्रेटर कालरा के रेस्टोरेंट तक लाए जाते थे। डील पक्की होने और पैसों का भुगतान हो जाने के बाद वहां से जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे थे। इसके लिए वह ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे थे। गगन दुग्गल देश के बड़े सैन्य परिवारों से संबंध रखता है