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    दिल्ली में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए बनवाए 100 से अधिक टॉयलेट्स, अभी और शौचालयों का तेजी से किया जा रहा निर्माण

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Mon, 11 Sep 2023 05:37 PM (IST)

    सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि उसने अब तक ट्रांसजेंडर लोगों के लिए 100 से अधिक शौचालय (टॉयलेट) बनवाए गए हैं। इसके अलावा 194 ऐसे ही शोचालयों का निर्माण किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि राजधानी दिल्ली कुछ 102 शौचालय बनवाए गए हैं।

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    दिल्ली में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए बनवाए 100 से अधिक टॉयलेट्स।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक जनहित याचिका पर जवाब देते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसजेंडर लोगों के विशेष उपयोग के लिए 100 से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। समाज कल्याण विभाग के वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष कहा कि इसके अलावा 194 शौचालय निर्माणाधीन हैं।

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    शौचालय निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं और आगे की कार्रवाई तेजी से की जाएगी। याचिकाकर्ता जैस्मीन कौर छाबड़ा की जनहित याचिका पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एमडीएमसी, NDMC) के अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि एनडीएमसी क्षेत्र में ट्रांसजेंडरों के लिए 12 शौचालय संचालित हो रहे हैं और 79 और शौचालयों के निर्माण के लिए निविदाएं जारी की गई हैं।

    पहले देखा जाएगा कार्य

    सरकार और एनडीएमसी का बयान सुनने के बाद अदालत ने कहा कि मामले में कार्य प्रगति को देखते हुए याचिका पर आदेश पारित किया जाएगा। याचिकाकर्ता जैस्मीन कौर छाबड़ा ने ट्रांसजेंडरों के लिए शौचालय का निर्माण कराने का निर्देश देने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है।

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    यौन उत्पीड़न का हो जाती हैं शिकार

    उन्होंने याचिका में तर्क दिया कि विशेष रूप से ट्रांसजेंडरों के लिए समर्पित शौचालय न होने के कारण वे यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाती है। 14 मार्च को हुई अदालत ने सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से जुड़े अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर नाराजगी जताई थी।

    इन शहरों में पहले से हैं शौचालय

    याचिका में कहा गया था कि मैसूर, भोपाल और लुधियाना में ट्रांसजेंडरों के लिए पहले से ही अलग सार्वजनिक शौचालय बनाए हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में अभी भी ऐसी सुविधा नहीं है।

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