20 साल बाद चिड़ियाघर में लौटे ऊदबिलाव, सूरत से आया जोड़ा; 21 दिन के लिए क्वारंटीन में रखा जाएगा
दिल्ली के चिड़ियाघर में दो दशक बाद ऊदबिलाव की वापसी हुई है। सूरत से एक नर और मादा ऊदबिलाव का जोड़ा लाया गया है। यह जोड़ा पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत मिला है जिसके बदले में दिल्ली चिड़ियाघर ने हिरण और तोते दिए हैं। ऊदबिलाव के भोजन और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में लगभग दो दशक बाद ऊदबिलाव की वापसी हुई है। सूरत से 1200 किलोमीटर का सफर तय कर नर-मादा ऊदबिलाव का एक जोड़ा दिल्ली चिड़ियाघर पहुंचा है। वन्यजीवों को सुरक्षित पिंजरे और खास खानपान के इंतजाम के साथ भेजा यहां लाया गया है।
दिल्ली चिड़ियाघर में वर्ष 2004 के बाद से कोई भी ऊदबिलाव नहीं था। इस बार यह जोड़ा सूरत के श्यामाप्रसाद मुखर्जी प्राणी उद्यान से पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत लाया गया है। दिल्ली को इस आदान-प्रदान में 10 इंडियन स्टार कछुए और ऊदबिलाव जोड़ा मिला है, जबकि बदले में दिल्ली चिड़ियाघर ने पांंच संगाई हिरण, दो नीले-पीले मैको (तोता) और चार हरे गाल वाले कान्योर (तोता) दिए हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारी के मुताबिक ऊदबिलाव के सफर के दौरान सुरक्षा और खानपान का पूरा ध्यान रखा गया। उनके लिए तिलापिया, बांबे डक, एशियन सी-बास और अन्य मछलियों की व्यवस्था की गई थी।
दिल्ली पहुंचने के बाद इन्हें 21 दिन के लिए क्वारंटीन में रखा जाएगा और इनके लिए नया पानी का पूल भी तैयार किया जा रहा है। चिड़ियाघर के अधिकारी के मुताबिक ऊदबिलाव की सबसे बड़ी चुनौती कैद में उनका प्रजनन है। उन्होंने बताया कि इन वन्यजीवों के भोजन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना पड़ता है।
चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि इस अदला-बदली से न सिर्फ दिल्लीवासियों को दुर्लभ जीव फिर से देखने को मिलेंगे बल्कि कैद में ऊदबिलाव के संरक्षण की दिशा में भी अहम कदम साबित होगा।
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