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    दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा एक्शन, अब इस मामले की होगी जांच; PWD मंत्री ने दिए आदेश

    Updated: Thu, 27 Feb 2025 04:25 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने पिछली आप सरकार के दौरान भाजपा विधायकों के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए इसकी जांच करने का फैसला किया है। ...और पढ़ें

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    भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगे? दिल्ली सरकार कराएगी जांच

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण मंत्री) प्रवेश साहिब सिंह ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि पिछली आप सरकार के दौरान भाजपा विधायकों के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए, इसकी जांच की जाएगी।

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    दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे पर संबोधित करते हुए वर्मा ने कहा कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अब प्राथमिकता होगी। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि राजनीतिक पूर्वाग्रह के कारण सुरक्षा उपायों से समझौता न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

    बीजेपी निर्वाचन क्षेत्र में एक भी नहीं लगाया गया सीसीटीवी कैमरा

    भाजपा के विश्वास नगर से विधायक ओपी शर्मा ने विधानसभा सदन में यह मामला उठाया और आरोप लगाया कि आप सरकार के तहत उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया। उन्होंने मामले की केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से जांच की मांग की।

    रेखा गुप्ता, दिल्ली सीएम। फाइल फोटो

    इस दावे का समर्थन करते हुए लक्ष्मी नगर विधायक अभय वर्मा ने साफ किया कि भाजपा विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था और अदालत के आदेश और मुख्य सचिव की सिफारिश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    BJP विधायकों के आठ विधानसभा क्षेत्रों को किया गया नजरअंदाज

    विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में 2,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, लेकिन पिछली सरकार ने भाजपा विधायकों के आठ विधानसभा क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।

    उन्होंने कहा कि आप ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगाने के लिए 1.40 लाख कैमरे खरीदे, फिर भी इन आठ सीटों को बाहर रखा गया। इन चिंताओं का जवाब देते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री पवर्मा ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों को परिणाम भुगतने होंगे।

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