Operation Milaap: 521 लापता लोगों को तलाशकर उनके परिवारों से मिलाया, 149 नाबालिग और 372 वयस्क खोजे
दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन मिलाप के तहत इस साल जनवरी से जून तक 521 लापता लोगों को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलवाया गया। इसमें 149 नाबालिग और 372 वयस्क शामिल हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज पूछताछ और स्थानीय मुखबिरों की मदद से यह काम किया। इससे कई बिछड़े परिवार खुशहाल हो गए।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिण पश्चिमी जिला पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप के तहत एक जनवरी से 30 जून तक 521 लापता लोगों को ढूंढकर उनके घरों में खुशियां लौटाई हैं। इनमें 149 नाबालिग और 372 वयस्क शामिल हैं।
एक जनवरी से 30 जून तक चला अभियान
ऑपरेशन मिलाप के तहत एक जनवरी से 30 जून तक कापसहेड़ा थाना पुलिस ने पांच लापता बच्चों और 28 वयस्कों, सागरपुर थाना पुलिस ने 10 लापता बच्चों और 20 वयस्कों को परिवार से मिलवाया।
पालम गांव थाना पुलिस ने चार लापता बच्चों और 20 वयस्कों को, वसंत कुंज दक्षिण थाना पुलिस ने तीन लापता लड़कियों और 10 वयस्कों को, किशनगढ़ थाना पुलिस ने आठ लापता बच्चों और तीन वयस्कों को, एसजे एन्क्लेव थाना पुलिस ने एक नाबालिग लड़के और 10 वयस्कों को परिवारों से मिलवाया।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 11 बच्चों को खोजा
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 11 लापता बच्चों को खोजा तो वसंत विहार थाना पुलिस ने छह लापता लड़कियों और तीन महिलाओं को, आरके पुरम थाने ने नौ वयस्कों, दिल्ली कैंट थाने ने दो लापता लड़कियों और चार वयस्कों को परिवारों से मिलवाया।
वसंत कुंज उत्तर थाने ने एक लापता लड़की और चार वयस्कों को, सरोजिनी नगर थाने ने एक लापता लड़की और तीन वयस्कों को और साउथ कैंपस थाने ने एक लापता महिला को परिवार से मिलवाया।
कैसे की जाती है लापता लोगों की तलाश
"लापता लोगों को ढूंढने के लिए स्थानीय स्तर पर पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज की जांच, ऑटो, ई-रिक्शा, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर लापता व्यक्तियों की तस्वीरें दिखाना और बस चालकों, कंडक्टरों व स्थानीय विक्रेताओं से पूछताछ जैसे कदम उठाए जाते हैं। स्थानीय मुखबिरों की मदद और आसपास के थानों व अस्पतालों के रिकॉर्ड की जांच भी की जाती है।"
-अमित गोयल, डीसीपी
ऑपरेशन मिलाप : लौटते सपनों की 'खुशबू'
दिल्ली पुलिस का ‘ऑपरेशन मिलाप’ सिर्फ एक अभियान नहीं, सैकड़ों टूटे दिलों को जोड़ने की उम्मीद है। जब कोई बच्चा गुम होता है या कोई बुजुर्ग घर से बिछड़ जाता है, तब हर दरवाज़ा खटखटाने के बाद भी उम्मीदें धुंधली पड़ने लगती हैं।
ऐसे में ऑपरेशन मिलाप उन मांओं-बापों के लिए रोशनी की किरण बनकर आता है, जो अपनी औलाद की एक झलक के लिए तरस जाते हैं। सीसीटीवी फुटेज, रिक्शा-ऑटो वालों से पूछताछ और हर नुक्कड़ पर तलाश, ये सब सिर्फ एक मुस्कान लौटाने की जद्दोजहद है।
जब एक खोया बच्चा मां की गोद में लौटता है तो ऑपरेशन मिलाप की मेहनत सैकड़ों परिवारों में नई सुबह लेकर आती है। दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली पुलिस की इस कोशिश ने फिर साबित किया है कि पुलिस केवल कानून का पालन नहीं कराती, बल्कि टूटी उम्मीदों को जोड़ने का काम भी करती है।
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