19 दिनों तक चार राज्यों में दिल्ली पुलिस को चकमा देता रहा ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार, आखिर चढ़ा पुलिस के हत्थे
लिस ने उसकी सूचना देने के लिए एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था। उसके साथ पर 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस की कई टीमें सुशील को पकड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में डेरा डाले हुए थे।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में ओलंपिन पहलवान सुशील कुमार 19 दिनों तक पुलिस को चकमा देता रहा। आखिर 20 वें दिन पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में सफलता हाथ लगी। पुलिस ने उसकी सूचना देने के लिए एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था। उसके साथी पर 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था। इन 19 दिनों में दिल्ली पुलिस की टीम उसे उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में तमाम जगहों पर तलाश करती रही। पुलिस की कई टीमें सुशील को पकड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में डेरा डाले हुए थीं।
दिल्ली पुलिस की 15 टीमें तो पंजाब के अलग-अलग इलाके में छापेमारी कर रही थी लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था। आखिर में 20 मई को सुबह उसे दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे साकेत कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया।
दरअसल पुलिस को कुछ इनपुट मिले थे। पता चला था कि वो मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। सुशील का मोबाइल फोन बठिंडा व मोहाली के आस पास सक्रिय हैं, इसे देखते हुए तीन दिनों से दिल्ली पुलिस की टीम स्थानीय पुलिस के सहयोग से वहां हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही थी। शनिवार शाम पुलिस को मोहाली में एक स्थान पर सुशील व उसके खास अजय सहरावत के छिपे होने की सूचना मिली, लेकिन पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पहले दोनों फरार हो गए।
इस बीच, पंजाब में कुछ लोगों के ट्वीट से यह अफवाह फैल गई कि सुशील व अजय ने पंजाब पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है और पंजाब पुलिस ने दोनों को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। गिरफ्तारी संबंधी अफवाह पर यकीन कर दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि कर दी, लेकिन बाद में गिरफ्तारी की बात अफवाह साबित हुईं। आखिर में रविवार की सुबह पुलिस के ही वरिष्ठ अधिकारियों ने सुशील की गिरफ्तारी की पुष्टि की और उसकी तस्वीर भी जारी करके उस पर मोहर लगा दी।
दरअसल सुशील जिस सिम का इस्तेमाल कर रहा है वह बठिंडा के सुखप्रीत सिंह बरार के नाम पर है। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने जब सुखप्रीत के घर पहुंचकर कर उससे पूछताछ की, तब पता चला कि उसने अपने नाम पर सिम लेकर ममेरे भाई अमन के जरिये उस सिम को कुछ दिन पहले सुशील के पास भिजवा दिया था। अमन के घर तलाशी लेने पर वह नहीं मिला। पुलिस ने सुखप्रीत को अभी गिरफ्तार नहीं किया है।
पांच मई की सुबह से सुशील व हत्या में शामिल सभी आरोपित फरार है। पुलिस ने उसके और छह अन्य के खिलाफ 15 मई को गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया था। सुशील पर एक लाख व अजय पर 50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित कर दिया गया। साथ ही पुलिस ने सुशील का पासपोर्ट जब्त कर लिया था। पुलिस पहले कई दिनों तक सुशील को दबोचने के लिए दिल्ली के विभिन्न सथानों के साथ ही उत्तराखंड व हरियाणा के बहादुरगढ़ में दबिश की कार्रवाई करती रही लेकिन वह नहीं मिला।
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