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    पुराना किला बनेगा नौका विहार का नया ठिकाना, झील में गूंजेगी पतवारों की थाप; पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Suman
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 10:34 PM (IST)

    दिल्ली का ऐतिहासिक पुराना किला अब नौका विहार का केंद्र बनेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और सभ्यता फाउंडेशन के समझौते के बाद किले की झील में नावों का ट्रायल शुरू हो गया है। सितंबर से आम लोग भी नौका विहार कर सकेंगे। पर्यटकों के लिए 20 मिनट की सैर का शुल्क 125-150 रुपये होगा। यहां लाइट एंड साउंड शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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    पुराना किला बनेगा नौका विहार का नया ठिकाना।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली का ऐतिहासिक पुराना किला अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में कैद न होकर जल पर थिरकती नावों की कहानियों का साक्षी बनने जा रहा है। करीब नौ साल से अटकी पड़ी नौका विहार परियोजना अब हकीकत बन चुकी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और सभ्यता फाउंडेशन के बीच हुए समझौते के बाद इस हफ्ते से किले की प्राचीन झील में नावों का ट्रायल शुरू हो गया है।

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    सितंबर से जब ये नौकाएं आम दर्शकों के लिए चलेंगी, तो इतिहास की गवाही देती दीवारों के बीच जल पर तैरती संस्कृति और शांति का संगम नजर आएगा। किले की खाई में तब्दील यह झील अब 640 मीटर लंबी जलधारा में बदल चुकी है। जहां से सैलानी ताल की दरवाजे से प्रवेश लेकर नौका विहार का आनंद ले सकेंगे।

    पर्यटकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

    पर्यटकों के लिए 20 मिनट की नौका सैर का किराया प्रति व्यक्ति 125 रुपए से150 रुपए तय किया गया है। नौका विहार के लिए शुरुआत में 20 नावें उपलब्ध रहेंगी। जिनमें 10 नाव चार सीटों वाली और 10 नाव तीन सीटों वाली होंगी। इस दौरान सुरक्षा के लिए पूरे दिन गार्ड तैनात रहेंगे। साथ ही झील किनारे कैफेटेरिया और विश्राम स्थल भी विकसित किए जाएंगे ताकि पर्यटकों को एक संपूर्ण अनुभव मिल सके।

    राजधानी के हेरिटेज टूरिज्म को नई ऊंचाई देगी

    परियोजना से जुड़े सभ्यता फाउंडेशन के सीईओ अजय वर्मा ने बताया कि यह पहल राजधानी के हेरिटेज टूरिज्म को नई ऊंचाई देगी। यहां सैलानी केवल नाव की सैर नहीं बल्कि इतिहास की लहरों पर बहती सांसों की कहानियां महसूस करेंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यहां लाइट एंड साउंड शो, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और हेरिटेज वाक जैसी गतिविधियों की योजना है। राजधानी में यह पहला मौका होगा जब कोई ऐतिहासिक किला अपनी झील पर नावों से मिलने वाली रोमांचक और मनोहारी सैर का केन्द्र बनेगा।