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    इनेलो-बसपा गठबंधन ने बदली तस्वीर, वालिद की विरासत की जद्दोजहद में जाकिर हुसैन

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Wed, 25 Apr 2018 03:12 PM (IST)

    दो बार गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा चुके जाकिर हुसैन ने अभी से लोकसभा की तैयारी पर काम शुरू कर दिया है। ...और पढ़ें

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    इनेलो-बसपा गठबंधन ने बदली तस्वीर, वालिद की विरासत की जद्दोजहद में जाकिर हुसैन

    नूंह [शेरसिंह डागर] इनेलो विधायक एवं मेवात की 36 बिरादरी के चौधरी जाकिर हुसैन इनेलो-बसपा गठबंधन होते ही अपनी अगली सियासी रणनीति में जुट गए हैं। नूंह जिला मुख्यालय पर इनेलो-बसपा कार्यकर्ताओं का मिलन इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। सियासी जानकार बताते हैं कि दो बार गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा चुके जाकिर हुसैन ने अभी से लोकसभा की तैयारी पर काम शुरू कर दिया है।

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    दूसरा स्थान हासिल किया था

    हालांकि यह अभी तय नहीं है कि गठबंधन यहां से किसे मैदान में उतारेगा लेकिन अतीत को देखते हुए भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालें तो जाकिर हुसैन इस ढांचे में फिट नजर आते हैं। हुसैन 2009 में बसपा के टिकट पर व एक बार इनेलो प्रत्याशी के तौर पर गुरुग्राम लोकसभा सीट से भाग्य आजमा चुके हैं। दोनों बार उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से मुकाबला करते हुए दमदार तरीके से दूसरा स्थान हासिल किया था।

    1999 में हुसैन एक बार कांग्रेस के टिकट पर फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाग्य आजमा चुके हैं, वो यहां पूर्व सांसद रामचंद्र बैंदा से मात्र लगभग 28 हजार वोटों से हारे थे। बता दें, कि तीसरी बार विधायक बने जाकिर हुसैन मेवात का बड़ा चेहरा है।

    जाकिर हुसैन के वालिद मरहूम चौधरी तैयब हुसैन का तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में मंत्री बनने का अटूट रिकॉर्ड है। मरहूम चौधरी तैयब हुसैन 1971 में गुरुग्राम तथा 1980 में फरीदाबाद लोकसभा से सांसद रहे हैं। जाकिर हुसैन के दादा मरहूम चौधरी यासीन खां संयुक्त पंजाब में एमएलसी रहे हैं। देश में ही नहीं पाकिस्तान में भी उनका बड़ा नाम है।

    इनेलो-बसपा गठबंधन ने दी मजबूती 

    जाकिर हुसैन 1991, 2000 तथा 2014 में विधायक बनने के बाद अब अपने वालिद के नक्शे कदम पर चल लोकसभा पहुंचने की सियासी जुगत में है। अब नए इनेलो-बसपा गठबंधन ने उन्हें मजबूती दे दी है। वो अभी से लोकसभा की ओर कदम बढ़ाने की रणनीति बुन रहे हैं।

    एक तीर से कई शिकार

    सियासी जानकार बताते हैं कि जाकिर हुसैन लोकसभा के लिए हर संभव कोशिश में हैं। अगर जाकिर हुसैन को गुरुग्राम लोकसभा से उतारा जाता है तो वो यहां से दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ने की जुगत लगा रहे दूसरे नेताओं की दावेदारी को कम कर सकते हैं।

    नूंह से विधायक जाकिर हुसैन का कहना है कि मैं पार्टी का सिपाही हूं। इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला व बसपा सुप्रीमो मायावती जो निर्णय लेंगे हमें उस पर काम करना है। फिलहाल हमें गठबंधन मजबूत कर देश व प्रदेश की राजनीति में बदलाव लाने का काम करना है।  

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