अब आपात स्थिति में मेट्रो से भी हथियार लेकर यात्रा कर सकेंगे पुलिस के जवान, चुनाव से पहले हो सकता है लागू
मेट्रो पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों का एक समूह बिना टोकन के यात्रा कर सकता है लेकिन यात्रा से पहले उनके प्रभारी या प्रमुख को कर्मियों के कारण और विवरण के बारे में डीएमआरसी को सूचित करना होगा। उन्होंने कहा कि स्थिति के आधार पर एक कोच कर्मियों को समर्पित किया जा सकता है। यात्रा करने वाला प्रत्येक कर्मी वर्दी पहनेगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आपात स्थिति में ट्रैफिक जाम से बचने और घटनास्थल पर जल्द पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस के जवान अब हथियारों के साथ भी मेट्रो ट्रेनों से यात्रा कर सकेंगे। डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) और मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के साथ 16 अप्रैल को हुई दिल्ली पुलिस की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है।
फिलहाल दिल्ली पुलिस के जवानों को हथियार लेकर मेट्रो में सफर करने की इजाजत नहीं है। एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के लिए अंतिम तौर-तरीके तैयार किए जा रहे हैं। संभवत: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू किया जा सकता है।
यात्रा करने वाला प्रत्येक कर्मी वर्दी पहनेगा
मेट्रो पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों का एक समूह बिना टोकन के यात्रा कर सकता है, लेकिन यात्रा से पहले उनके प्रभारी या प्रमुख को कर्मियों के कारण और विवरण के बारे में डीएमआरसी को सूचित करना होगा। उन्होंने कहा कि स्थिति के आधार पर एक कोच कर्मियों को समर्पित किया जा सकता है। यात्रा भुगतान के आधार पर होगी और यात्रा करने वाला प्रत्येक कर्मी वर्दी पहनेगा।
एक जगह से दूसरे जगह पर जाने में लगते हैं घंटों
दंगे जैसी स्थिति का उदाहरण देते हुए अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामले में अतिरिक्त बल की आवश्यकता होती है। दिल्ली में यातायात का भारी दबाव होने के कारण कई बार बसों से बड़ी संख्या में उनकी आवाजाही मुश्किल हो जाती है। एक जिले से दूसरे जिले तक पहुंचने में एक घंटे से भी अधिक समय लग जाता है।
पिक एंड ड्रॉप की होगी सुविधा
मेट्रो लाइन दिल्ली के लगभग हर हिस्से में फैल गई है और इसका उपयोग संकट के समय मौके पर पहुंचने के लिए समय बचाने में किया जा सकता है। योजना के अनुसार बल को घटनास्थल तक पहुंचने के लिए मेट्रो स्टेशनों से ''पिक एंड ड्राप'' के लिए परिवहन प्रदान किया जाएगा। इसमें अर्धसैनिक बलों के जवानों की आवाजाही भी शामिल है, अगर उन्हें आपात स्थिति में राष्ट्रीय राजधानी में तैनात किया जाना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।