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    DDA Flats: दिल्ली में घर का सपना होगा पूरा, डीडीए ले आया नया मास्टर प्लान

    डीडीए इनकी कीमतें तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके बदले में डीडीए बिल्डरों से प्रति फ्लैट एक फीसदी कमीशन लेगा और बिल्डरों को निर्माण कार्य में 15 फीसदी अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबको घर के विजन को ध्यान में रखते हुए डीडीए ने निजी बिल्डरों द्वारा बनाए गए ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के निपटान के संबंध में नई नीति शुरू की है।

    By sanjeev Gupta Edited By: Rajesh KumarUpdated: Wed, 12 Mar 2025 10:09 PM (IST)
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    अब डीडीए दिल्ली में बिल्डरों द्वारा बनाए गए फ्लैट भी बेचेगा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अब न केवल अपने फ्लैट बेचेगा, बल्कि पहली बार निजी बिल्डरों द्वारा बनाए गए फ्लैट भी बेचेगा। वह इन फ्लैटों के लिए आवासीय योजना लाएगा, खुद आवेदन लेगा और ड्रा भी करेगा।

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    बिल्डरों से कमीशन लेगा डीडीए

    यहां तक ​​कि इनकी कीमतें तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके बदले में डीडीए बिल्डरों से प्रति फ्लैट एक फीसदी कमीशन लेगा और बिल्डरों को निर्माण कार्य में 15 फीसदी अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) दिया जाएगा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सबको घर" के विजन को ध्यान में रखते हुए डीडीए ने निजी बिल्डरों द्वारा बनाए गए ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के निपटान के संबंध में नई नीति शुरू की है। इसके क्रियान्वयन की दिशा में सोमवार को एक सर्कुलर भी जारी किया गया। उप निदेशक (लोक) आवास की ओर से जारी इस सर्कुलर में नई नीति के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई है।

    डीडीए अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के खंड 4.4.3 (बी) पांच - आवासीय भूखंड - समूह आवास के तहत उक्त नीति के नियम बिल्डरों द्वारा निजी भूमि या डीडीए से ली गई भूमि पर बनाए गए दोनों प्रकार के आवासीय प्रोजेक्टों पर लागू होंगे।

    नीति के अनुसार, यदि बिल्डर 50 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाता है, तो उसे 15 प्रतिशत अतिरिक्त एफएआर मिलेगा। साथ ही, वह इन फ्लैटों को बेचने के लिए आवेदन पत्र जमा करके डीडीए की मदद भी ले सकता है।

    डीडीए फ्लैटों की कीमत तय करेगा

    अधिकारियों के अनुसार डीडीए अपनी नीति में तय किए गए फॉर्मूले के अनुसार फ्लैटों की कीमत तय करेगा। अपनी आवासीय योजना शुरू करेगा। आवेदन के बाद ड्रा के जरिए आवंटन भी करेगा। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार खरीदार निजी बिल्डरों पर आसानी से भरोसा नहीं कर सकते।

    जबकि डीडीए की अपनी साख है। इसलिए इस नई नीति से जहां बिल्डर ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाने के लिए प्रेरित होंगे, वहीं उनके लिए इन फ्लैटों की बिक्री सुनिश्चित करना भी आसान होगा। वहीं, अधिक संख्या में ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनने से लोगों को विविधता मिलेगी, साथ ही प्रधानमंत्री का "सबको आवास" का सपना भी साकार होगा।

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