JNUSU Election 2025: जेएनयू छात्र संघ चुनाव की घोषणा, इस तारीख को कराए जाएंगे इलेक्शन
JNU Student Union Elections जेएनयू छात्र संघ चुनाव 2024-25 के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह चुनाव मार्च से शुरू होकर अप्रैल तक में होंगे। छात्रों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। तीन मार्च से छह से आठ हफ्तों के अंदर चुनाव कराए जाएंगे यानी अप्रैल के महीने में चुनाव होंंगे।
(जेएनयूएसयू) के नेतृत्व में छात्र पांच दिनों से अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीओएस) कार्यालय का घेराव कर रहे थे। इसके बाद जेएनयू प्रशासन ने हाई कोर्ट में अपील की थी। चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की गुजारिश की थी। कोर्ट की संस्तुति के बाद जेएनयू प्रशासन ने मंगलवार शाम को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी।
जेएनयू प्रशासन ने जारी की ये अधिसूचना
जेएनयू प्रशासन ने जारी अधिसूचना में कहा है कि छात्र संघ चुनाव 2024-2025 पीएचडी छात्रों के लिए तीन मार्च से शैक्षणिक सत्र शुरू होने की तिथि से छह से आठ सप्ताह के बीच आयोजित किए जाएंगे। चुनाव तय कानूनों और दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किए जाने हैं।
डीओएस कार्यालय से विस्तृत दिशानिर्देश नियत समय में साझा किए जाएंगे। अब अधिसूचना जारी हो गई है। इसके बाद विश्वविद्यालय के 10 स्कूल और चार विशेष केंद्रों के काउंसलर व जेएनयूएसयू पदाधिकारी मिलकर स्कूल जीबीएम कराएंगे। इसके आधार पर चुनाव कराने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
एक छात्र को नामित किया जाएगा चुनाव अधिकारी
इसके साथ ही एक छात्र को चुनाव अधिकारी नामित किया जाएगा। प्रक्रिया के बाद चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी। जेएनयू में छात्र संघ चुनाव में विश्वविद्यालय प्रशासन का हस्तक्षेप नहीं होता। चुनाव जेएनयूएसय संविधान के अनुसार छात्र मिलकर कराते हैं।
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जेएनयूएसयू चुनाव के लिए अधिसूचना जारी, अप्रैल में चुनाव संभव
जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा है कि हम पांच दिन से डीओएस कार्यालय का घेराव कर रहे थे। यह हमारे संघर्ष की जीत है। जेएनयू प्रशासन जानबूझकर चुनाव को अटका रहा था। यही वजह है कि उन्हें हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी है। छात्रों के हित में फैसला सुनाया है।
अब जल्द छात्रों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि जेएनयू में पिछले साल कोविड महामारी के बाद चुनाव हुए थे। इसके लिए छात्रों ने प्रदर्शन किए थे। चुनाव के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के पर्यवेक्षण में चुनाव संपन्न हुए थे।
उन्होंने लिंगदोह समिति की सिफारिशों को लेकर सुझाव दिए थे। इस पर स्पष्टता के लिए जेएनयू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन, छात्र अधिसूचना जारी करने पर अड़े थे। डीओएस कार्यालय को बंद करा दिया था।
वाम संगठनों की हुई थी जीत
पिछले साल हुए छात्र संघ चुनाव में वाम छात्र संगठनों के गठबंधन की जीत हुई थी। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय अध्यक्ष चुने गए थे। स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) अविजीत घोष उपाध्यक्ष, बिरसा अंबेडकर फ़ुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा) की प्रियांशी सचिव और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआइएसएफ) के साजिद संयुक्त सचिव चुने गए थे।
गठबंधन में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ) ने भाग लिया था। लेकिन, पुराने अनुशासनात्मक मामलों के चलते उम्मीदवार स्वाति सिंह की उम्मीदवारी निरस्त कर दी गई थी।

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