Sheila Dikshit: नहीं हो पाएगी दिल्ली की राजनीति में शीला दीक्षित की मौत की भरपाई
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार की शाम को निधन हो गया। वो 81 साल की थीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। शीला दीक्षित की मौत के बाद अब दिल्ली की राजनीति में उनकी भरपाई करना मुश्किल है। ये उनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता का ही कमाल था कि वो लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उन्होंने दिल्ली में विकास के इतने काम किए जिसे आज तक लोग याद करते हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि शीला दीक्षित जैसा नेता अब दिल्ली को मिलना मुश्किल है। वो कांग्रेस के समर्थकों को ऊर्जा देने का भी काम करती थी।
दिल्ली में कांग्रेस के कम ही ऐसे नेता है जो सर्वमान्य है। इनमें सबसे ऊपर शीला दीक्षित का नाम आता था। जिसकी वजह से वो यहां तीन बार सीएम रह सकीं। शीला दीक्षित के बाद एक दूसरा नाम कृष्णा तीरथ का आता था मगर वो बीजेपी में शामिल हो गई उसके बाद अब उनके मुकाबले दूसरा कोई बड़ा नेता नहीं है। कांग्रेस पार्टी में दो और नाम हारुन युसुफ और अजय माकन का भी है मगर फिर भी इनका मुकाबला शीला दीक्षित से नहीं किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : Sheila Dikshit passes away- तीन बार दिल्ली की CM रहीं शीला दीक्षित का 81 वर्ष की उम्र में निधन
राजनीति के जानकारों का कहना है कि शीला दीक्षित के अंदर सभी को साथ लेकर चलने की कला थी, इसी वजह से वो लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनकी बात को पार्टी का हर आम कार्यकर्ता मानता था। एक समय था जब दिल्ली की राजनीति में दो नाम प्रमुखता से लिए जाते थे उनमें एक रामबाबू शर्मा और दूसरा शीला दीक्षित का था। रामबाबू शर्मा को मुंह का कैंसर होने की वजह से मौत हो गई थी। उसके बाद कांग्रेस के पास सिर्फ इकलौती शीला दीक्षित ही नेता थी जिनकी पार्टी में पहचान और पकड़ अच्छी थी। मगर अब उनकी मौत के बाद पार्टी के पास इन दोनों के जैसा कोई नेता नहीं रह गया है। पार्टी के समर्थक उन्हें कांग्रेस का लेडी सिंघम भी बुलाते थे।
यह भी पढ़ें : कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित का यूं चले जाना सबको अखरा, सोशल मीडिया पर दुख की लहर
उनके समय किए गए दिल्ली के विकास के कामों को आज भी लोग याद करते हैं। दिल्ली में कई सारे काम उनके समय ही शुरू किए गए थे जो अब पूरे हो रहे हैं। उनकी मौत के बाद से एकबारगी तो पार्टी से जुड़े लोगों को यकीन ही नहीं हो पा रहा है। वो अपने-अपने संपर्क से इन सूचनाओं की पुष्टि करने में लगे रहे।