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Nirbhaya Justice: फांसी से चंद मिनट पहले चारों में से एक रो पड़ा, बोला 'मौत नहीं चाहिए, बख्श दो'

Nirbhaya Justice निर्भया के चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा पवन कुमार गुप्ता मुकेश सिंह और अक्षय कुमार को तिहाड़ जेल में दी गई फांसी इतिहास रच गई।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 10:49 AM (IST)
Nirbhaya Justice: फांसी से चंद मिनट पहले चारों में से एक रो पड़ा, बोला 'मौत नहीं चाहिए, बख्श दो'

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Nirbhaya Justice: निर्भया के चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल में शुक्रवार ठीक सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर दी गई फांसी कई इतिहास रच गई। दरअसल, तिहाड़ जेल संख्या-3 में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई। यह तिहाड़ जेल ही नहीं, उत्तर भारत की किसी भी जेल में दी गई पहली फांसी थी, जिसमें पहले बार चार कैदियों को एकसाथ फांसी पर लटकाया गया।

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इससे पहले तिहाड़ में पहली बार एक साथ दो लोगों (रंगा और बिल्ला) 31 जनवरी, 1982 को फांसी दी गई थी। फिर इसके बाद फिर इंदिरा गांधी के दो हत्यारों केहर सिंह और जसवंत सिंह को फांसी दी गई। वहीं, शुक्रवार सुबह पहली बार तिहाड़ जेल में एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई। 

मेरठ के जल्लाद पवन ने दी चारों को फांसी

यह अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ यूपी के मेरठ से आए जल्लाद पवन के लिए भी नया अनुभव था, क्योंकि इससे पहले उसने चार लोगों को एक साथ फांसी नहीं दी गई थी। जल्लाद पवन की मानें तो जब चारों दोषी फांसी के तख्ते के करीब लाए गए तो सभी कांप रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्हें फांसी के तख्ते पर खड़ा किया गया तो एक दोषी बुरी तरह गिड़गिड़ाने लगा और माफी मांगने लगा। जल्लाद पवन को यह नहीं मालूम कि वह कौन था, क्योंकि सभी के चेहरे काले कपड़े से ढंके हुए थे। 

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जल्लाद पवन का भी किया गया BP चेक

जल्लाद पवन की मानें तो शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल में फांसी देने से पहले उसका भी डॉक्टरों ने ब्लड प्रेशर चेक किया और पूछा कि कोई घबराहट तो नहीं है, इस पर उसने कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं। इसके बाद दो दोषियों को कपड़े पहनाकर फांसी के तख्ते पर खड़ा किया गया, दोनों में से एक गिड़गिड़ाने लगा। वहीं, वहां मौजूद अधिकारी के इशारा करने पर जल्लाद पवन ने लीवर खींच लिया। इसके कुछ देर बाद डॉक्टरों ने चेक किया तो दोनों मर चुके थे। पवन जल्लाद ने बताया कि इसके बाद बचे दो दोषियों को की भी इसी तरह फांसी दे दी गई।

यहां पर बता दें कि शुक्रवार सुबह जगने के साथ ही एक दोषी विनय कुमार शर्मा काफी परेशान था और उसका व्यवहार भी बदला हुआ था। फांसी के लिए ले जाने के दौरान वह रोया भी। बताया जा रहा है कि इससे पहले चारों दोषी अधिकारियों के समक्ष गिड़गिड़ाए थे। 

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