NGT का सख्त आदेश... दिल्ली में समय पर हो नालों की सफाई; नगर निगम के सामने बड़ी चुनौती
NGT ने नगर निगम को दक्षिण दिल्ली के कुशक सुनहरी पुल और डिफेंस कॉलोनी नालों के ढके हिस्सों से गाद निकालने की समय-सीमा बताने को कहा है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि गाद निकालने के बाद सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि दुर्घटनाएं न हों और दुर्गंध न फैले।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी, NGT) ने नगर निगम से दक्षिण दिल्ली से गुजरने वाले कुशक, सुनहरी पुल और डिफेंस कॉलोनी नालों के कवर-रेड हिस्सों से गाद निकालने के लिए स्पष्ट समयसीमा बताने को कहा है।
साथ ही कहा है कि गाद निकालने का काम पूरा होने के बाद क्या सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ढके हुए हिस्सों में खुले स्थान से दुर्घटनाएं न हों या किसी प्रकार की दुर्गंध न फैले।
निजामुद्दीन पश्चिम निवासी कल्याण एसोसिएशन सहित विभिन्न याचिकाएं न्यायाधिकरण के समक्ष दायर की गईं। इनमें 24 नालों से गाद निकालने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कुशक नाले, सुनहरी पुल नाले और डिफेंस कॉलोनी नाले के ढके हुए हिस्से से गाद निकालने के लिए स्पष्ट समयसीमा का निगम द्वारा विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
हलफनामे में यह भी कहा गया...
निगम द्वारा हलफनामे में मुख्य सचिव द्वारा आयोजित बैठक और उसमें लिए गए कुछ निर्णयों के बारे में बताया गया है, लेकिन बैठक के मिनट भी रिकॉर्ड में नहीं है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि ढके हुए हिस्से के प्रवेश द्वार पर स्क्रीन लगाई जाएगी, ताकि तैरती हुई सामग्री को ढके हुए हिस्से में प्रवेश करने से रोका जा सके, लेकिन स्क्रीन का स्थान और विवरण का उल्लेख नहीं किया गया है।
एनजीटी, दिल्ली में मानसून आने से पहले तीन नालों से गाद निकालने के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। दिल्ली सरकार ने पहले एनजीटी को सूचित किया था कि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (आइएफएंडसीडी) सभी 22 नालों से गाद निकालने का काम करेगा, जबकि निगम केवल कुशक, सुनहरी पुल और डिफेंस कॉलोनी नालों के ढके हुए हिस्से के लिए ही यही काम करेगी।
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एनजीटी ने कहा कि निगम के हलफनामे में डिफेंस कॉलोनी नाले के ढके हुए हिस्से में बीच का चैनल बनाने की योजना की बात कही गई है, लेकिन यह नहीं बताया गया है कि गाद निकालने का काम पूरा होने के बाद क्या सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। एनजीटी ने निगम को इन सभी पहलुओं को शामिल करते हुए नया हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
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