दिल्ली में अवैध जींस रंगाई यूनिट्स पर NGT सख्त, डीपीसीसी रिपोर्ट पर उठे सवाल
दिल्ली में अवैध जींस रंगाई इकाइयों के मामले में एनजीटी ने डीपीसीसी की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले आवेदक को आपत्तियां दर्ज करने की अनुमति दी है। आवेदक ने जियो-कोऑर्डिनेट्स को गलत बताया है। एनजीटी ने आवेदक को सबूत पेश करने और डीपीसीसी को अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका वरुण गुलाटी ने दायर की है। डीपीसीसी ने निरीक्षण के बाद सीलिंग की कार्रवाई की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चल रही अवैध जींस रंगाई यूनिट से जुड़े मामले मेें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (डीपीसीसी) ने आवेदनकर्ता को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति
(डीपीसीसी)द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट पर सवाल उठातने वाले आवेदनकर्ता को आपत्तियां पेश करने की अनुमति दी है। एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश तब दिया जब आवेदनकर्ता ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में दिए गए जियो-कोआर्डिनेट्स गलत हैं। यह भी कहा कि सही लोकेशन की जानकारी 28 फरवरी और तीन मार्च .2025 को डीपीसीसी को दी गई थी, लेकिन वहां निरीक्षण नहीं हुआ।
इस पर एनजीटी ने आवेदनकर्ता को डीपीसीसी की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराने और उसके द्वारा दिए गए सही जियो-कोआर्डिनेट्स व अन्य सुबूत पेश करने को कहा, ताकि यह साबित हो सके कि उचित निरीक्षण नहीं हुआ। एनजीटी ने ओवदनकर्ता को चार सप्ताह में आपत्ति दाखिल करने व डीपीसीसी को छह सप्ताह के भीतर अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
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एनजीटी बिंदापुर, मटियाला, रंहोला, ख्याला, मीठापुर, बदरपुर, मुकुंदपुर और किरार क्षेत्रों में बिना अनुमति-एनओसी के चल रही रंगाई यूनिट के खिलाफ आवेदनकर्ता वरुण गुलाटी के आवेदन पर विचार कर रहा है। आवेदन में कहा गया है कि यूनिट पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित की जा रही है।
वहीं, डीपीसीसी ने 20 मई 2025 को दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा कि आठ अप्रैल्र, सात मई और आठ मई 2025 को एमसीडी, बीएसईएस, एसडीएम कार्यालय, दिल्ली जल बोर्ड और डीपीसीसी की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया। कुल 22 स्थानों की जांच की गई।
कुछ जगहों पर डाईंग/वाशिंग गतिविधि नहीं मिली, जबकि दो स्थानों पर जींस डाईंग और वाशिंग की गतिविधि मिली। इस पर एसडीएम (सरिता विहार) ने एमसीडी, डीपीसीसी, बीएसईएस और डीजेबी की मौजूदगी में सीलिंग की कार्रवाई की। इसके साथ ही संबंधित यूनिट के विरुद्ध एनवायरनमेंटल डैमेज चार्ज लगाने की प्रक्रिया जारी है।
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