Delhi Airport Police Station: दिल्ली एयरपोर्ट पर बनेगा नया मॉर्डन पुलिस थाना, सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर टर्मिनल-1 के पास एक नया पुलिस थाना बनाया जाएगा। डायल ने दिल्ली पुलिस को 1540 वर्ग मीटर जमीन 1 रुपये के टोकन शुल्क पर दी है। नया थाना बनने से एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी साथ ही यात्रियों और कर्मचारियों को भी सुविधा मिलेगी। यह प्रस्ताव 2008 से लंबित था जो अब साकार हो रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अभी तक उधार के चंद कमरों में चल रहे आइजीआइ एयरपोर्ट के डोमेस्टिक थाने की अपनी इमारत होगी, जिसमें जरुरत के हिसाब से पर्याप्त जगह होगी। टर्मिनल-1 पर जल्द ही एक नया और स्थायी पुलिस थाना स्थापित होगा, जो एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करेगा।
थाने की नई इमारत के लिए एयरपोर्ट संचालन एजेंसी डायल ने दिल्ली पुलिस को 1540 वर्ग मीटर का भूखंड मात्र 1 रुपये प्रति वर्ष के टोकन शुल्क पर सौंपा है। भूखंड सौंपे जाने की पूरी घोषणा के लिए एक विशेष एयरपोर्ट पर आयोजित किया गया।
जिसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व जीएमआर उप प्रबंध निदेशक के नारायण राव, दिल्ली पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड के विशेष पुलिस आयुक्त राजेश खुराना, विशेष पुलिस आयुक्त राबिन हिबू, संयुक्त पुलिस आयुक्त (परिवहन रेंज) विजय सिंह और आइजीआइ जिला पुलिस अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
2008 से लंबित प्रस्ताव अब साकार
यह परियोजना इसलिए भी खास है क्योंकि नया पुलिस थाना स्थापित करने का प्रस्ताव 2008 से लंबित था। अब जाकर डायल और दिल्ली पुलिस के संयुक्त प्रयासों से इसे अमलीजामा पहनाया गया है।
वर्तमान में जीएमआर की जी5 बिल्डिंग में अस्थायी रूप से संचालित हो रहे पुलिस स्टेशन को अब टर्मिनल 1 के प्रस्थान अप-रैंप के पास, एआरसी आफिसर्स मेस और सीआइएसएफ नाका के निकट इस नए भूखंड पर स्थानांतरित किया जाएगा। अभी जहां थाना चल रहा है वहां जगह की घोर किल्लत है। सबसे ज्यादा दिक्कत बैरक में है।
यात्रियों और कर्मचारियों के लिए बेहतर सुरक्षा
नया पुलिस थाना न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि यात्रियों और एयरपोर्ट के कर्मचारियों के लिए सुविधा भी बढ़ाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम डायल और दिल्ली पुलिस की उस प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट पर सार्वजनिक सुरक्षा और पहुंच को प्राथमिकता दी गई है।
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