कड़कड़डूमा कोर्ट का सख्त रुख : पॉक्सो केस की सुनवाई में अनुपस्थित रहने पर दिल्ली पुलिस के SI को न्यायिक हिरासत
पूर्वी दिल्ली में पाक्सो मामले की सुनवाई में पेश न होने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक एसआई के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। बाद में जमानती वारंट की राशि जमा न करने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विभागीय कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने पर कोर्ट ने एसआई को जमानत दे दी। यह मामला 2018 में कल्याणपुरी थाने में दर्ज हुआ था।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पाक्सो के मामले में सुनवाई में पेश नहीं होना और कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर (एसआई) को भारी पड़ गया। कड़कड़डूमा कोर्ट ने पहले एसआई के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया। एसआई की अर्जी पर कोर्ट ने उन्हें इससे राहत देते हुए जमानती वारंट के 10 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया। इसका पालन नहीं करने पर कोर्ट के आदेश पर एसआई को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। वरिष्ठ अधिकारी ने कोर्ट में पेश होकर एसआई के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का भरोसा दिया, तब कोर्ट ने एसआई को जमानत दी।
साल 2018 का है मामला
जानकारी के मुताबिक, कल्याणपुरी थाने में वर्ष 2018 में पाक्सो का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में एसआई संदीप रावल जांच अधिकारी थे। वह गोविंदपुरी थाने में तैनात हैं। कल्याणपुरी थाने के केस में बार-बार बुलाने पर भी एसआई सुनवाई में पेश नहीं हो रहे थे। इस पर कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने उनके खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था।
कोर्ट ने आचरण पर नाराजगी जताई
इसके बावजूद वह मंगलवार को सुनवाई में नहीं पहुंचे तो कोर्ट ने उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया। इसके बाद एसआई एनबीडब्ल्यू से राहत के लिए कोर्ट पहुंचे और बताया कि वह गोविंदपुरी थाने के एक मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए साकेत कोर्ट गए हुए थे। कोर्ट ने उनके आचरण को लेकर नाराजगी जताई और जमानत वारंट के 10 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया।
दो बार मौका देने पर एसआई ने यह राशि जमा नहीं कराई। इस पर कोर्ट ने एसआइ को न्यायिक हिरासत लेने का आदेश दिया। कोर्ट में तैनात पुलिस स्टाफ ने इसकी जानकारी गोविंदपुरी थाने के एसएचओ धर्मवीर सिंह को दी।
वह कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचे और एसआई को छोड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने कोर्ट में एसआइ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की बात कही। तब कोर्ट ने 10 हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की।
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