12 तक सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट खाली नहीं तो काट दी जाएगी बिजली-पानी आपूर्ति, HC के आदेश पर खाली करने के आदेश
दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खाली करने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने निवासियों को 12 अक्टूबर तक का समय दिया है। निगम ने बिजली और जल बोर्ड को 13 अक्टूबर को आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया है। असुरक्षित घोषित इमारत को खाली कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है जिसमें अब तक 220 फ्लैट खाली हो चुके हैं।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खाली करने के हाई कोर्ट के आदेश बाद दिल्ली नगर निगम सक्रिय हो गया है। नगर निगम ने आरडब्ल्यूए का समय सीमा और बढ़ाए जाने का अनुरोध ठुकराते हुए 12 अक्टूबर तक हर हाल में सभी फ्लैट खाली करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निगम ने बिजली और जल बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिया है कि 13 अक्टूबर को सुबह अपार्टमेंट की बिजली और आपूर्ति बंद कर दी जाए। अपार्टमेंट के कुल 336 में से फिलहाल 220 फ्लैट खाली हो चुके हैं। शेष 116 फ्लैट मालिकों को अगले 12 दिन के भीतर अपार्टमेंट छोड़ना होगा।
पुरानी इमारत की उल्टी गिनती शुरू
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट की इमारत को रिहायश के लिहाज से जोखिमभरा घोषित किए जाने और अब इसे खाली किए जाने की तारीख तय होने के बाद लगभग डेढ़ दशक पुरानी इमारत की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
हाई कोर्ट की ओर से 12 अक्टूबर तक सभी फ्लैट खाली करने के आदेश पर अमल के लिए नगर निगम सिविल लाइंस जोन के उपायुक्त अंशुल सिराेही ने 29 अक्टूबर को आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के अलावा डीडीए, पुलिस, टीपीडीडीएल, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से बैठक की।
बैठक की शुरुआत में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने दीपावली पर्व का हवाला देते हुए अपार्टमेंट खाली करने की समय सीमा 12 अक्टूबर से बढ़ाकर 20 अक्टूबर करने का अनुरोध किया। निगम उपायुक्त ने समय सीमा बढ़ाने जाने पर असमर्थता जाहिर की और हर स्थिति में 12 अक्टूबर तक सभी फ्लैट खाली करने को कहा।
पुलिस से मदद लेने को कहा गया
बैठक में निगम उपायुक्त ने टीपीडीडीएल और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 13 अक्टूबर तक अपार्टमेंट के सभी फ्लैट की बिजली और जलापूर्ति कनेक्शन काटना सुनिश्चित करें। इस कार्य में डीडीए को पुलिस से मदद लेने को कहा गया है। ताकि, कानून एवं व्यवस्था बनी रहे। बैठक में आरडब्ल्यूए की ओर से संयुक्त सचिव डा. आनंद भट्ट, प्रदीप भरेजा, ध्रुव मोंगा, कुणाल, ललिता आदि ने हिस्स लिया।
आरडब्ल्यूए महासचिव गौरव पांडे का कहना है कि डीडीए अब तेजी से अपार्टमेंट की इमारत बनवाने पर गौर करना चाहिए, ताकि लोग जल्द से जल्द अपने घरों को लौट सकें। बता दें कि भवन के ध्वस्तीकरण को लेकर डीडीए निविदा निकाल चुका है, अब यह प्रक्रियाधीन है। उम्मीद है कि अगले एक-दो महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अपार्टमेंट के ध्वस्तीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
मुख्य घटनाक्रम
- 23 दिसंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भवन को आवास के लिहाज से असुरक्षित मानते हुए तीन माह में खाली करने का आदेश दिया था
- सभी फ्लैट खाली करने की शर्त और किराए को लेकर डीडीए और आरडब्ल्यूए के बीच मतभेद होने के कारण यह मामला लंबा खिंचता चला गया
- किराए को लेकर जुलाई महीने में गतिरोध टूटा और डीडीए ने किराए के भुगतान के लिए हामी भरी व फ्लैट खाली करने के लिए एसओपी बनाई
- इसके बाद फ्लैट खाली करने वालों की संख्या में तेजी आई, अब तक 220 फ्लैट खाली हो चुके हैं।
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