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    दिल्ली में 100 किलो से अधिक कचरा फैलाने वालों पर एमसीडी सख्त, 85 लाख रुपये के 32 हजार चालान जारी

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 02:04 AM (IST)

    एमसीडी ने दिल्ली में 100 किलो से अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजीकरण न कराने वाले बड़े कचरा उत्पादकों (बीडब्ल्यूजी) पर 85 लाख के चालान जारी हुए हैं। एमसीडी के अनुसार स्रोत पर कचरा निस्तारण जरूरी है जिसके लिए बीडब्ल्यूजी को खाद संयंत्र लगाने होंगे। अभी तक 3749 लोगों ने पंजीकरण कराया है और पंजीकरण न कराने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

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    बड़े कचरा उत्पादकों पर शुरू हुई कार्रवाई, किए जा रहे हैं चालान

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रतिदिन 100 किलो या उससे अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले लोगों पर अब एमसीडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बार-बार चेतावनी और सार्वजनिक नोटिस जारी करने के बाद भी अपने आप को बड़े कचरा उत्पादक (बीडब्ल्यूजी) के तौर पर एमसीडी में पंजीकृत न कराने पर चालान करने शुरू किए है। अभी तक एमसीडी ने 32 हजार से अधिक चालान 85 लाख रुपये के जारी कर दिए है। निगम ने स्पष्ट किया है कि जो लोग अब पंजीकरण नहीं कराएंगे उन पर यह कार्रवाई जारी रहेगी।

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    3749 बीडब्ल्यूजी के तौर पर पंजीकरण

    एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में स्वस्छता का स्तर सुधारने के लिए जरुरी है कि स्रोत पर ही कचरे का निस्तारण हो। ऐसे में जो बीडब्ल्यूजी है वह अगर ज्यादा कचरा उत्पन्न कर रहे हैं तो उन्हें अपने कार्यालय का कार्य परिसर में खाद बनाने के संयंत्र स्थापित करने होते हैं। लेकिन इसमें बड़ी संख्या में लोग लापरवाही कर रहे हैं।

    अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष एमसीडी ने बीडब्ल्यूजी के पंजीकरण का विशेष अभियान शुरू किया था इसमें अभी तक 3749 लोगों ने बीडब्ल्यूजी के तौर पर पंजीकरण कराया है। जो लोग पंजीकरण नहीं करा रहे हैं उन पर चालान की कार्रवाई की जा रही है।

    गीले कचरे से बन सकता है खाद

    अधिकारी ने आगे कहा कि बीडब्ल्यूजी के तौर पर ज्यादातर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, होटल, बैंक्वेट हॉल, अस्पताल, आवासीय सोसायटी और संस्थान दायरे में आते हैं। जो प्रतिदिन 100 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पन्न करते है।

    निगम के अनुसार स्रोत पर कचरा निस्तारण से लैंडफिल पर जाने वाले कचरे की मात्रा को कम किया जा सकता है। साथ ही गीले कचरे से खाद बनने से इसका उपयोग भी पर्यावरण के लिए पौधों को खाद देकर किया जा सकता है।

    सिविल लाइंस जोन में 59 बीडब्ल्यूजी पंजीकृत

    निगम की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक जो बीडब्ल्यूजी के तौर पर पंजीकरण हुए हैं उसमें सर्वाधिक 1023 पंजीकरण एमसीडी के दक्षिण जोन से हुए हैं। जबकि मध्य जोन में 522 तो वहीं नजफगढ़ जोन में 439,पश्चिमी जोन में 406, शाहदरा दक्षिणी जोन में 284, शाहदरा उत्तरी जोन में 29,नरेला में केवल 55 और सिविल लाइंस जोन में 59 बीडब्ल्यूजी पंजीकृत हुए है।

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