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    एक रुपये के निजी मुचलके पर पीसीआई के अध्यक्ष को भ्रष्टाचार मामले में मिली अग्रिम जमानत, दिल्ली कोर्ट का फैसला

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 08:38 PM (IST)

    राउज एवेन्यू कोर्ट ने पीसीआई अध्यक्ष मोंटू एम पटेल को भ्रष्टाचार मामले में अग्रिम जमानत दी। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप ठोस सबूतों पर आधारित नहीं हैं। एक रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई 5000 करोड़ की रिश्वत की राशि तक कैसे पहुंची यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।

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    एक रुपये के निजी मुचलके पर पीसीआई के अध्यक्ष को भ्रष्टाचार मामले में मिली अग्रिम जमानत।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के अध्यक्ष मोंटू एम पटेल को भ्रष्टाचार के मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ लगाए गए आरोप किसी ठोस सामग्री से समर्थित नहीं हैं। कोर्ट ने पटेल को एक रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानती पर अग्रिम जमानत दे दी। साथ ही साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करने और जांच में सहयोग करने की शर्त लगाई।

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    विशेष न्यायाधीश सुशांत चंगोत्रा ने कहा कि अदालतों का यह कर्तव्य है कि वे व्यक्ति की स्वतंत्रता और जांच एजेंसी के अधिकार के बीच संतुलन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपित की स्वतंत्रता की रक्षा करना कोर्ट का दायित्व है क्योंकि आरोप बिना स्पष्ट प्रमाण के लगाए गए हैं।

    उनकी हिरासत की जरूरत नहीं: कोर्ट

    अदालत ने कहा कि पटेल न तो फरार होने की कोशिश कर रहे हैं और न ही उनसे कोई जब्ती अपेक्षित है। उन्होंने जांच में सहयोग किया है और उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि सीबीआई पांच हजार करोड़ रुपये की रिश्वत की राशि तक कैसे पहुंची, जब न तो कोई दस्तावेजी साक्ष्य है और न ही यह राशि किसी पूछताछ में सामने आई।

    अदालत ने यह भी कहा कि आरोपों में जिन 118 करोड़ रुपये की संपत्तियों का उल्लेख है, उनकी खरीद की तारीख और स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में आरोपों की विश्वसनीयता और भी संदिग्ध हो जाती है।

    अनुचित लाभ लेने का कोई स्पष्ट सुबूत पेश नहीं कर सका

    कोर्ट ने कहा कि दो वर्ष से अधिक जांच के बावजूद अभियोजन पक्ष आरोपित द्वारा किसी भी व्यक्ति से रिश्वत लेने या अनुचित लाभ लेने का कोई स्पष्ट सुबूत पेश नहीं कर सका है।

    सीबीआई ने पटेल के परिसरों पर तलाशी ली थी। उन पर फार्मेसी कालेजों की मान्यता प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, प्रभाव का दुरुपयोग और गड़बड़ियों के आरोप लगे थे। जांच एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया था कि करोड़ों की रिश्वत ली गई और कालेजों को नियमों को दरकिनार कर मंजूरी दी गई।

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