Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    700 परिवारों को दिसंबर तक मिलेगा आशियाना, कठपुतली कॉलोनी परियोजना का प्रथम चरण हुआ पूरा

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 09:07 PM (IST)

    दिल्ली विकास प्राधिकरण की कठपुतली कॉलोनी परियोजना का पहला चरण इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। एलजी वीके सक्सेना ने दिसंबर तक 700 फ्लैट आवंटित करने का लक्ष्य रखा है। जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत बने 2800 फ्लैट में झुग्गीवासियों को बसाया जाएगा। डीडीए ने परियोजना का नाम बदलकर प्रगति अपार्टमेंट कर दिया है। प्रत्येक फ्लैट 37 वर्ग फीट का होगा।

    Hero Image
    कठपुतली कालोनी में तेजी से चल रहा जहां झुग्गी,वही मकान योजना के तहत फ्लैट तैयार करने का काम। सौजन्य-डीडीए

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सात साल के दौरान अनेकानेक डेडलाइन मिस करने के बाद अब अंतत: इस साल के आखिर तक दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की कठपुतली काॅलोनी परियोजना का पहला चरण पूरा होने की संभावना बन गई है। एलजी और डीडीए के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने उम्मीद जताई है कि दिसंबर माह तक 700 फ्लैट आवंटित कर दिए जाएंगे। उन्होंने इस परियोजना में हुई देरी के मद्देनजर बिल्डर के कामकाज के प्रति नाराजगी भी जताई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाद की परियोजनाएं हो गईं पूरी

    जागरण से बातचीत में एलजी ने स्वीकार किया कि यह कठपुतली काॅलोनी परियोजना जहां झुग्गी, वहीं मकान योजना के तहत शुरू की गई पहली परियोजना है। मगर अभी तक पूरी नहीं हो पाई जबकि इसके बाद प्रारंभ हुई कालकाजी एवं जेलरवाला बाग परियोजना के फ्लैटों को आवंटित किए भी काफी समय बीत चुका है।

    50 साल से अधिक पुरानी है कठपुतली काॅलोनी

    यह स्लम काॅलोनी 1960-70 के दौरान बसी थी। इसमें राजस्थान से आए कठपुतली कलाकार, नृतक, गीतकार, जादूगर आदि बसे थे। इसके बाद यहां अन्य राज्यों से भी लोक कलाकार आकर बस गए। 1980 में कठपुतली काॅलोनी के कलाकारों को यूके में आयोजित फेस्टिवल आफ इंडिया की वजह से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। डीडीए ने इस जगह को खाली करवाने के प्रयास 1985 में शुरू किए और इन कलाकारों को वसंत कुंज, महरौली एवं द्वारका में पुनर्स्थापित करने की प्लानिंग की। लेकिन लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए।

    2018 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

    जहां झुग्गी, वहां मकान योजना के तहत इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अप्रैल 2018 में शुरू हुआ। तत्कालीन केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका शिलान्यास किया था। इसकी पहली डेडलाइन मार्च 2019 थी। इसके बाद कोविड की वजह से काम प्रभावित हुआ। बाद में भी इसकी डेडलाइन बढ़ती ही गई। इस बारे में डीडीए कभी कोई संतोषजनक जवाब ना मिला। पिछले माह केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खटटर ने भी यहां का दौरा किया था।

    इन सीटू पुनर्वास का पहला प्रोजेक्ट है यह

    डीडीए का यह पहला इन सीटू प्रोजेक्ट प्रोजक्ट है, जिसे रहेजा ग्रुप तैयार कर रहा है। 2008-09 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप वाले इस प्रोजेक्ट को लांच किया गया था, लेकिन उस समय कठपुतली काॅलोनी के लोगों के विरोध को वजह से यह शुरू नहीं हो पाया। यहां रहने वालों में कठपुतली बनाने वाले, लोक गीत गायक, नर्तक आदि हैं। डीडीए ने यहां रहने वाले इन लोगों को 2014, 2015-16 और 2017 में आनंद पर्वत ट्रांजिट कैंप व नरेला के फ्लैटों में शिफ्ट किया था।

    पिछले दिनों दिया गया नया नाम

    डीडीए ने कठपुतली काॅलोनी परियोजना का नाम बदल कर प्रगति अपार्टमेंट रख दिया है। बकौल सक्सेना, यहां के निवासी काफी समय से काॅलोनी का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। याद रहे कि इससे पहले कालकाजी एवं जेलरवाला बाग परियोजना का नाम भी बदलकर क्रमश: आशा किरण अपार्टमेंट और स्वाभिमान अपार्टमेंट रखा जा चुका है।

    एक नजर में जानें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

    • यहां झुग्गियों में रहने वालों के लिए 2800 फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
    • कठपुतली काॅलोनी की 5.2 एकड़ जमीन पर फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
    • एक फ्लैट बनाने पर करीब 15 लाख रुपये खर्च।
    • एक परिवार से सिर्फ 1.42 लाख रुपये लेकर फ्लैट दिया जाएगा। इसमें 30 हजार की राशि मरम्मत के लिए है।
    • यहां दो ओपन एयर थियेटर और स्कूल का निर्माण किया जाना है।
    • 5.2 हेक्टेयर जमीन का 3.4 हेक्टेयर भाग काॅलोनी के पुनर्वास में इस्तेमाल होगा।
    • सभी फ्लैट 37 स्क्वायर फीट के होंगे।
    • फ्लैट में एक बेडरूम, हाल, किचेन, टायलेट, बाथरूम और बालकनी होगी।

    यह भी पढ़ें- 12 तक सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट खाली नहीं तो काट दी जाएगी बिजली-पानी आपूर्ति, HC के आदेश पर खाली करने के आदेश