दिल्ली वालों को मिलेगी बहुमंजिला पार्किंग की सुविधा, जल्द हटेंगे योजना में बाधा बन रहे पेड़
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में बहुमंजिला शटल पार्किंग जल्द शुरू होने की उम्मीद है। वन विभाग से पेड़ों को हटाने की मंजूरी का इंतजार है। 399 वाहनों की क्षमता वाली इस पार्किंग से बाजार में आने वाले लोगों को सुविधा होगी। पार्किंग का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया गया है जिसमें एजेंसी राजस्व का 70 प्रतिशत निगम को देगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में ग्रेटर कैलाश-1 के एम ब्लॉक में बहुमंजिला शटल पार्किंग के शुरू होने में बाधा बन रहे पेड़ जल्द हटेंगे। इसके लिए निगम को इस सप्ताह तक वन विभाग से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
वहीं, पेड़ों के प्रत्यारोपित या काटने की मंजूरी मिलते ही एमसीडी इस पार्किंग को शुरू करने की तैयारी भी कर रही है। यहां 18 पेड़ हैं। जो कि पार्किंग में वाहनों के निकास और प्रवेश में बाधा बन रहे हैं। इसकी वजह से जून माह से तैयार होकर पड़ी पार्किंग अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
यहां पर 399 वाहनों की पार्किंग बनी है। इससे मार्केट में आने वाले लोगों को खासी सुविधा होगी। पार्किंग की भारी मांग को देखते हुए पूर्वकालिक दक्षिणी निगम ने यह परियोजना बनाई थी।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार आपातकालीन वाहनों की आवाजाही के लिए न्यूनतम छह मीटर का मार्ग होना चाहिए। पेड़ों के बीच में आने की वजह से यह मार्ग नहीं बन पा रहा है। इसकी वजह से पेड़ों को यहां से हटाना अति आवश्यक है।
इसके लिए हमने करीब एक वर्ष पूर्व वन विभाग से आवेदन किया हुआ है। हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह तक पेड़ों को हटाने की अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद हम अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
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अधिकारी ने बताया कि पेड़ों के आसपास के क्षेत्रों को छोड़कर पार्किंग निर्माण के विद्युतीकरण कार्य समेत सभी कार्य पूरे हो गए हैं।
अधिकारी ने आगे बताया कि 399 चार पहिया वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग में 63.7 करोड़ रुपये की लागत आई है। साथ ही 2240 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनी पार्किंग भूतल के साथ ही आठ मंजिला ऊंची है। यह एक शटल पार्किंग है।
इसमें वाहनों को पार्किंग में खड़ा करने के लिए स्वचलित लिफ्ट का उपयोग किया जाता है। जो कि परंपरागत पार्किंग की तुलना में कम स्थान भी लेती है और वाहन के खड़ा करने और निकासी में भी कम समय लगता है।
निगम के अनुसार पार्किग का निर्माण मार्च 2022 में शुरू किया गया था। इसे 18 माह में सितंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी समय-सीमा बार-बार बढ़ती गई। पार्किंग का निर्माण और संचालन प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत हो रहा है।
इसमें कार्य करने वाली एजेंसी को पार्किंग का संचालन 10 वर्षों तक मिलेगा। हालांकि जो राजस्व प्राप्त होगा उसका 70 प्रतिशत हिस्सा निगम को देगा।
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