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    Delhi Crime: पत्नी की हत्या का आरोपी 21 साल बाद क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा! 2005 में भगोड़ा हुआ था घोषित

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:47 PM (IST)

    दिल्ली के जहांगीरपुरी में 2004 में पत्नी की हत्या के आरोप में वीरपाल उर्फ मैजू को क्राइम ब्रांच ने 21 साल बाद गिरफ्तार किया है। अदालत ने उसे 2005 में भगोड़ा घोषित किया था। वह लखनऊ में विजय उर्फ रामदयाल के नाम से रह रहा था। पुलिस के अनुसार उसने पहचान छिपाने के लिए गांव से सारे रिश्ते तोड़ दिए थे। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है।

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    पत्नी की हत्या के मामले में 21 साल से फरार आरोपित गिरफ्तार।

    जागरण संवाददात, नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में पत्नी की हत्या करने के मामले में 21 साल से फरार आरोपित वीरपाल उर्फ मैजू को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। 2005 में कोर्ट द्वारा उसे भगोड़ा घोषित करने पर वीरपाल, लखनऊ में विजय उर्फ रामदयाल नाम से पहचान बदल कर रह रहा था।

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    पिछले दो दशक से वह गिरफ्तारी से बच रहा था। डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक वीरपाल, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले का रहने वाला है।

    22 सितंबर 2004 को जहांगीरपुरी थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक किरायेदार ने अपनी पत्नी और बच्चे को गंभीर रूप से घायल करने के बाद कमरा खाली कर दिया है। जहांगीरपुरी पहुंचने पर महिला खून से लथपथ मिली। महिला और घायल बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। घटनास्थल पर हिंसक हमले के निशान मिले।

    पीड़िता का मुंह साड़ी से बंधा हुआ था, टूटी हुई चूड़ियां, खून से सनी एक ईंट और शरीर के पास एक टूटा हुआ दांत मिला था। समय पर चिकित्सा सहायता के कारण, बच्चा बच गया और उसने हमलावरों की पहचान अपने पिता वीरपाल और चाचा सुरेश के रूप में करते हुए महत्वपूर्ण बयान दिया।

    जांच से पता चला कि महिला, वीरपाल की दूसरी पत्नी है। पुलिस ने जांच के बाद सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसपर मुकदमा चलाया गया और 26 सितंबर 2007 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई (वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद है)। वीरपाल भागने में सफल रहा। वह अब तक फरार था।

    फरार अपराधी का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी गई। इंस्पेक्टर विवेक मलिक के नेतृत्व में पुलिस टीम को जांच से पता चला कि आरोपित वीरपाल अपनी पहचान बदलकर विजय नाम रख लिया है और फरुखाबाद में अपनी पैतृक संपत्ति बेच दी।

    पकड़े जाने से बचने के लिए उसने अपने गांव से सारे रिश्ते तोड़ लिए थे। सटीक खुफिया जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उसके ठिकाने पर छापा मार दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने अपराध में अपनी भूमिका कबूल कर ली।

    वह लखनऊ में दिहाड़ी पर काम करता था। फरार रहने के दौरान उसने तीसरी शादी कर ली और उसकी वर्तमान पत्नी से तीन बेटियां हैं

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