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    समाज में पिता पर बना विश्वास दोषी ने किया खत्म... बेटी से दुष्कर्म करने वाले को कोर्ट ने दी 20 वर्ष की सजा

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 07:35 PM (IST)

    रोहिणी न्यायालय ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को 20 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। दोषी ने बेटी के विरोध करने पर उसके चेहरे को नाखूनों से नोंच दिया था। न्यायाधीश ने बच्चों के खिलाफ अपराधों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कड़ा संदेश देना जरूरी है और अदालत ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटेगी।

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    नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता का 20 साल की कैद की सजा।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली: रोहिणी जिला न्यायालय ने अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी है।

    पिता-पुत्री के रिश्ते को कलंकित करने वाले 38 वर्षीय दुष्कर्मी ने गलत काम का विरोध करने पर बेटी के चेहरे को नाखूनाें से नोंच दिया।

    अपनी माता के देहांत के बाद पीड़िता अपने नाना-नानी के पास रह रही थी, इस घटना से दो-तीन महीने पहले ही अपने पिता के पास लौटी थी।

    न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि बच्चों के विरुद्ध अपराध बर्दाश्त नहीं किए जा सकते, समाज को कड़ा संदेश दिया जाना आवश्यक है।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय नागर ने चार साल पुराने इस मामले की सुनवाई के बाद दुष्कर्मी को सजा सुनाई।

    न्यायालय ने पाक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दुष्कर्मी को 20 साल की कठोर कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।

    जुर्माना राशि का भुगतान न किए जाने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। न्यायालय ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित लड़की को 10.5 लाख रुपये देने का निर्देश भी दिया है।

    न्यायाधीश ने इस बात पर चिंता जताई कि समाज में इस प्रकार की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। यह गंभीर परिस्थिति है, इस पर गहनतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए।

    बच्चों के खिलाफ इस तरह के अपराध किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, समाज को एक कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए। ऐसे अपराधियों से न्यायालय सख्ती से निपटेगा।

    लोक अभियोजक राजेश सिरोही ने न्यायालय से अधिकतम सजा की मांग की और दलील दी कि दोषी पीड़िता का पिता है। पिता को समाज में बच्चों का मुख्य संरक्षक माना जाता है।

    दोषी ने इस विश्वास को खत्म कर दिया है। सबक सिखाने के लिए अधिकतम सजा होनी चाहिए। दिल्ली महिला आयोग दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के वकील ने दोषी को अधिकतम सजा देने और पीड़िता को अधिकतम मुआवजा देने का अनुरोध किया।

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    यह था मामला

    यह वारदात 30 दिसंबर 2021 की है। पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि उसकी मां का देहांत हो चुका है। वह अपने नाना-नानी के साथ रहती थी, लेकिन उसका पिता उसे अपने पास ले आया।

    पिछले 2-3 माह से अपने पिता के साथ रह रही है। उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने भागने का प्रयास किया, लेकिन उसके पिता ने जाने नहीं दिया। नाखूनों से चेहरा भी नोच लिया।

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