राजधानी में अगले वर्ष तक सभी सार्वजनिक वाहन होंगे इलेक्ट्रिक, नई ईवी नीति के तहत सीएम रेखा गुप्ता का एलान
दिल्ली सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने की तैयारी में है जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि 2025 तक सभी सार्वजनिक वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएंगे। नई ईवी नीति में दिल्ली में प्रत्येक तीसरा वाहन इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। सरकार हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने पर जोर दे रही है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में सड़कों पर वाहनों की भीड़ और धूल प्रदूषण का बड़ा कारण है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार नई ईवी नीति लाने वाली है।
नई नीति में दिल्ली के सभी सार्वजनिक वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का प्रविधान होगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि अगले वर्ष तक सभी सार्वजनिक वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएंगे।
मंडपम में ऑटोमोटिव फिटनेस एंड एनवायरनमेंट (सेफ) के वार्षिक सम्मेलन और सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) द्वारा आयोजित ग्रीन प्लेट ईवी रैली में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार एक नई और आदर्श इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर कार्य कर रही है।
इसका उद्देश्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। इसके लिए सभी हित धारकों से चर्चा की जा रही है। यह प्रयास है कि दिल्ली में प्रत्येक तीसरा वाहन इलेक्ट्रिक हो। यह पहल न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करेगी बल्कि नागरिकों के जीवन को सुरक्षित बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
उन्होंने ईवी रैली की शुरुआत की। लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की शपथ भी दिलाई और कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने का सपना पूरा करने के लिएई वाहनों को प्राथमिकता देनी होगी।
उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। कहा, दुर्घटनाओं के लिए वाहन नहीं चालक जिम्मेदार होते हैं। उनकी लापरवाही से दुर्घटनाएं होती हैं। सुरक्षित यातायात केवल नियमों और दंड से संभव नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी और जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए।
हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनना या ट्रैफिक नियम तोड़ना बहादुरी नहीं, बल्कि गैर-जिम्मेदारी है। यातायात नियमों का पालन सरकार के लिए नहीं, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की पहली ईवी नीति वर्ष 2020 में लागू हुई थी। इसे 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले नई नीति आने की उम्मीद है।
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