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    CBI पेश नहीं कर पाई ठोस साक्ष्य, भ्रष्टाचार मामले में CPWD के असिस्टेंट इंजीनियर को मिली जमानत

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 11:27 AM (IST)

    दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सीबीआई मामले में सीपीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता प्रभात चौरसिया को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश ने 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी क्योंकि सीबीआई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। चौरसिया पर रिश्वत लेने की साजिश का आरोप है लेकिन अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखा और कुछ शर्तों के साथ जमानत मंजूर की।

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    सीबीआइ पेश नहीं कर पाई ठोस साक्ष्य, भ्रष्टाचार मामले में सहायक अभियंता को जमानत

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के सहायक अभियंता (सिविल) प्रभात चौरसिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत दे दी है।

    विशेष न्यायाधीश संजय खनगवाल ने चौरसिया को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की एक जमानती पर जमानत देते हुए कहा कि चौरसिया लगभग 40 दिन से न्यायिक हिरासत में हैं और अब तक सीबीआइ ने उसके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है।

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    अदालत ने चौरसिया पर जमानत की कुछ शर्तें भी लगाई, जिसमें गवाहों को प्रभावित न करने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया।

    अदालत में दायर सीबीआइ के आरोपपत्र के अनुसार, चौरसिया पर आरोप है कि उसने सीपीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता जयप्रकाश और अन्य आरोपितों के साथ मिलकर ठेकेदारों से रिश्वत लेने की साजिश रची थी। आरोप है कि ठेकेदारों से घटिया निर्माण सामग्री को मंजूरी देने, बढ़े दाम के बिल पास कराने और ठेके दिलाने के बदले रिश्वत की मांग की जाती थी।

    सीबीआइ ने दावा किया था कि टैप की काल में चौरसिया और सह-आरोपित शुभम गोयल के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें फिक्स रेट (तय दर) पर चर्चा की गई। हालांकि, अदालत ने पाया कि यह बातचीत मुख्यत जून-जुलाई 2025 में हुई थी और कार्रवाई के समय चौरसिया मौजूद नहीं थे। इसके अलावा, उनके पास से कोई बरामदगी भी नहीं हुई।

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    बचाव पक्ष ने दलील दी कि चौरसिया को मामले में झूठा फंसाया गया है। वे अगस्त 2024 में इस डिवीजन में नियुक्त हुए थे, जबकि ठेके अगस्त 2023 में दिए गए थे। उसके घर से जब्त 10 लाख रुपये की राशि का इस प्रकरण से कोई सीधा संबंध नहीं है।