आखिर NGT के हस्तक्षेप के बाद CPCB ने जनकपुरी से लिए गए दूषित पानी के नमूने, रिपोर्ट दाखिल करने को मांगा समय
नई दिल्ली के जनकपुरी में दूषित पानी के मामले में सीपीसीबी ने एनजीटी में जवाब दाखिल कर नमूना रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा। एनजीटी ने सुनवाई 8 अगस्त तक स्थगित कर दी है। पिछली सुनवाई में एनजीटी ने दूषित पानी की समस्या को दूर करने में विफल रहने पर डीजेबी की आलोचना की और सीपीसीबी को स्वतंत्र रूप से नमूने लेने का निर्देश दिया था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: जनकपुरी में दूषित पानी के सैंपल्स लेने को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने NGT में जवाब दाखिल किया है।
सीपीसीबी ने कहा कि जनकपुरी से पानी के सैंपल्स एकत्रित कर लिए गए हैं और दो दिनों के भीतर रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। सीपीसीबी ने रिपोर्ट को रिकार्ड पर पेश करने के लिए समय देने की मांग की।
सीपीसीबी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई आठ अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने रिकार्ड पर लिया था कि पूर्व में दिए गए आश्वासन के बावजूद भी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) जनकपुरी के ए-1 ब्लाक में दूषित पानी की समस्या को 30 जून तक दूर नहीं कर सका।
साथ ही सीपीसीबी को फिर से बिना डीजेबी को सूचित किए स्थानीय इलाके में सैंपल लेकर टेस्ट करने के निर्देश दिया था।
वहीं, एनजीटी ने डीजेबी को निर्देश दिया था कि जब तक समस्या पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती, तब तक लोगों को हैदरपुर वाटर प्लांट से साफ पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करे।
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