दिल्ली में अब ‘पब्लिक यूटिलिटी’ मानी जाएंगी बैंकिंग, एनबीएफसी और गैस आपूर्ति सेवाएं, विवादाें का जल्द होगा निपटारा
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बैंकिंग एनबीएफसी और गैस सप्लाई सेवाओं को ‘पब्लिक यूटिलिटी’ घोषित किया है। इसका उद्देश्य स्थायी लोक अदालतों में इन सेवाओं से जुड़े विवादों का त्वरित समाधान करना है। इस फैसले से बैंकिंग गैस और एनबीएफसी उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि अब वे लोक अदालत में आसानी से अपने विवादों का समाधान करा सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक अहम निर्णय में बैंकिंग सेवाओं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और गैस सप्लाई सेवाओं को Public Utility Services की श्रेणी में शामिल करने को मंजूरी दे दी है।
इसका मुख्य उद्देश्य स्थायी लोक अदालतों (Permanent Lok Adalats) में इन सेवाओं से जुड़े विवादों का त्वरित और किफायती समाधान लोगों को उपलब्ध कराना है।
इस फैसले से लाखों बैंकिंग, गैस या एनबीएफसी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। एलजी के पास यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार के विधि विभाग की ओर से भेजा गया था।
जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में बैंकिंग, वित्तीय संस्थानों और गैस वितरण कंपनियों के खिलाफ विवाद तेजी से बढ़ रहे हैं। इन्हें सार्वजनिक उपयोगिता सेवा घोषित करने से आम लोगों को अपने शिकायतों का समाधान सहज, सस्ता और समयबद्ध मिलेगा।
बैंकिंग और एनबीएफसी को लेकर विवाद हैं आम
बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र में कर्ज, वसूली, बचत, निवेश, सेवा दोष और बिलिंग से जुड़े विवाद आम हैं और ये परंपरागत अदालतों पर बोझ भी बढ़ा रहे हैं। स्थायी लोक अदालतें इन मामलों को जल्दी सुलझा सकेंगी।
विधि विभाग के अनुसार इन तीनों सेवाओं में विवाद अक्सर ऐसे लोगों से जुड़े होते हैं, जो लंबी अदालती लड़ाई लड़ने की स्थिति में नहीं होते हैं, इसलिए लोक अदालत एक सुलभ विकल्प है, जिससे जनता को सस्ती और त्वरित न्यायिक राहत मिल सकेगी।
फिलहाल, दिल्ली में तीन स्थायी लोक अदालतें बिजली कंपनियों से जुड़े विवाद सुलझा रही हैं और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DSLSA) अब परिवहन, डाक व दूरसंचार, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य, बीमा सहित विभिन्न सेवाओं के लिए नई लोक अदालतें गठित करने जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।