ट्रांसजेंडर के अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, जारी किए नए नियम और बनेगा वेलफेयर बोर्ड
दिल्ली सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे और उनके कल्याण के लिए एक सशक्तिकरण बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड ट्रांसजेंडरों को सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने Transgenders के अधिकारों की रक्षा के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। इससे उन्हें Identity Card देने और Welfare सुनिश्चित करने को कल्याण बोर्ड बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि खुद को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2025 बनाए हैं।
अधिसूचना में कहा गया है कि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) विधिवत भरे हुए आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिए पहचान का प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
ट्रांसजेंडर कल्याण सशक्तीकरण बोर्ड का होगा गठन
मालूम हो कि दिल्ली सरकार की ओर से एक ट्रांसजेंडर कल्याण सशक्तीकरण बोर्ड का गठन किया जाना है। जिसके समाज कल्याण मंत्री अध्यक्ष होंगे।
बोर्ड में गृह, वित्त, योजना, कानून, श्रम, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, शिक्षा और राजस्व विभागों सहित अन्य एजेंसियों का एक-एक प्रतिनिधि भी सदस्य होगा।
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और समुदाय के कल्याण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों या संघों के तीन-तीन सदस्य भी बोर्ड के सदस्य होंगे।
2020 में अधिसूचित कानून नहीं अपनाया गया था
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2020 में ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून को अधिसूचित किया था, लेकिन दिल्ली की पिछली सरकार ने इसे नहीं अपनाया।
दिल्ली में ट्रांसजेंडरों की अनुमानित संख्या ज्ञात नहीं है, हालांकि 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे 4,200 व्यक्ति थे। इसके अलावा, दिल्ली में 1,200 से ज्यादा पंजीकृत ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।
अणिकारियों ने बताया कि यह बोर्ड ट्रांसजेंडरों को सामान्य जीवन व्यतीत करने का अवसर प्रदान करने के साथ ही उन्हें उनका अधिकार भी दिलाएगा।
जिला मजिस्ट्रेट जारी करेंगे आईडी कार्ड
यह केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं है, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय को गरिमा, अधिकार और अवसर प्रदान करने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अब ट्रांसजेंडर अपनी लिंग पहचान को स्वयं प्रमाणित करते हुए जिला मजिस्ट्रेट से प्रमाणपत्र एवं पहचान पत्र प्राप्त कर सकेंगे।
सरकारी इमारतों में इनके लिए अलग शौचालय का निर्माण व सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड और लिंग पहचान आधारित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होगी।
शिक्षण संस्थानों और कार्यस्थलों को इन्हें लेकर संवेदनशील बनाने के जागरूकता अभियान चलेगा। अस्थायी आश्रय गृह, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं तैयार की गई हैं।
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