समलैंगिक पार्टनर को एक-दूसरे के चिकित्सा प्रतिनिधि बनाने की मांग पर Delhi HC में सुनवाई, केंद्र और NMC से जवाब तलब
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से जवाब मांगा है। याचिका अस्पतालों और डॉक्टरों को समलैंगिक साथियों को चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने और चिकित्सा स्थितियों में सहमति देने का निर्देश देने की मांग करती है। अदालत ने केंद्र और एनएमसी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अस्पतालों और डाॅक्टरों को समलैंगिक साथियों को एक-दूसरे के चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने और उन्हें चिकित्सा स्थितियों में सहमति देने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से जवाब मांगा है।
याचिका में क्या की गई है मांग?
इस संबंध में अदालत ने केंद्र सकरार व एनएमसी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अस्पतालों और चिकित्सकों को गैर-विषमलैंगिक साझेदारों को चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने और चिकित्सा उपचार के दौरान उन्हें पहुंच प्रदान करने के संबंध में दिशा-निर्देश बनाने का अनुरोध किया है।
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