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    दिल्ली के कारोबारी से दो करोड़ रंगदारी मांगने वाले तीन गिरफ्तार, एक आरोपी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से है ग्रेजुएट

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 08:11 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने करोल बाग के एक ज्वेलर से दो करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने थाईलैंड से कॉल कर रंगदारी मांगी और गैंगस्टर के नाम का इस्तेमाल किया। कर्ज चुकाने के लिए रची गई इस साजिश में शामिल आरोपियों को दिल्ली पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    कर्ज चुकाने के लिए गैंग्सटर के नाम पर व्यापारी से दो करोड़ की मांगी रंगदारी, तीन धरे।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। थाना डीबीजी रोड और मध्य जिले की साइबर थाना पुलिस की टीम ने ऐसे तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने कर्जा चुकाने के लिए करोल बाग के एक बड़े ज्वेलर से नामी गैंग्सटर का नाम लेकर दो करोड़ की रंगदारी मांगी थी।

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    किसी को शक न हो इसके लिए तीनों दिल्ली से थाईलैंड पहुंचे। वहां से एक सिमकार्ड खरीदकर उसी से वाट्सएप काल की गई। रकम न देने पर ज्वेलर के तीनों बच्चों की गोली माकर हत्या करने की धमकी दी गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम ने तीनों आरोपितों को थाईलैंड से दिल्ली पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया।

    आरोपितों की पहचान सुमित मनचंदा, प्रिंस और नीतिश के रूप में हुई है। आरोपित नीतिश लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से ग्रेजुएट है, वहीं सुमित भी बीकॉम पास है। इनके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल दो मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद हुआ है।

    पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि इनके ऊपर एक करोड़ से अधिक का कर्ज था। उसे चुकाने के लिए इन लोगों ने रंगदारी मांगने की योजना बनाई। पुलिस से बचने के लिए यह थाईलैंड पहुंचे और वहां से रंगदारी की काल की।

    मध्य जिला के उपायुक्त निधिन वालसन के मुताबिक, पिछले दिनों देशबंधु गुप्ता रोड थाना पुलिस को दो करोड़ की रंगदारी की एक शिकायत मिली थी। पीड़ित ने बताया कि थाईलैंड में मौजूद गैंग्सटर ने परिवार को जान से मारने की धमकी देकर दो करोड़ रुपये की मांग की है। रुपये क्रिप्टोकरेंसी में मांगे गए हैं। रुपये की पेमेंट के लिए एक क्यूआर कोड भी उनके वाट्सएप पर भेजा गया है।

    फौरन थाना प्रभारी रणधीर सिंह, साइबर थाना प्रभारी संदीप पंवार व अन्यों की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। मामला चूंकि बेहद गंभीर था इसलिए टीमों ने अलग-अलग तरह से अपना काम किया और छानबीन शुरू की।

    मामले को देखते हुए इंस्पेक्टर संदीप पंवार ने वरिष्ठ अधिकारियों के जरिए गृहमंत्रालय के आइ4सी से मदद ली। इसके अलावा कई पेड साइबर आधुनिक टूल की मदद ली गई, जिससे कालर की लोकेशन थाईलैंड की मिली। इसके अलावा क्यूआर कोड की मदद से आरोपितों की पहचान कर टीम उनके घरों के पास तैनात कर दी गई।

    जैसे ही आरोपित अपने-अपने घर पहुंचे उन्हें दबोच लिया गया। सुमित को पंजाबी बाग, प्रिंस को रोशनआरा रोड, पुलबंगश और नीतिश को मोती नगर से दबोच लिया गया। इनके पास से थाईलैंड की सिम वाला मोबाइल व क्यूआर कोड बनाने वाला मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया।

    कर्ज चुकाने के लिए रची थी साजिश

    पुलिस की पूछताछ में सुमित ने बताया कि उसका भी ज्वेलरी का काम है। वह पीड़ित को अच्छी तरह जानता था। यहां तक कि उसका पीड़ित के घर आना-जाना था। इसका फायदा उठाकर उसने योजना बनाई। दोस्त प्रिंस व नीतिश पर भी खासा कर्ज था। उसको चुकाने के लिए सुमित ने योजना बनाकर दोस्तों को भी शामिल किया।

    नीतिश खुद की ट्रैवल एजेंसी चलाता है। उसकी अच्छी खासी आमदनी भी होती है। बावजूद इसके उसने रंगदारी में शामिल होने की हां कर दी। पुलिस से बचने के लिए थाईलैंड में रहने वाले गैंग्सटर के नाम पर रंगदारी की योजना बनी। पुलिस से बचने के लिए खुद तीनों थाईलैंड पहुंचे और वहां से काल कर रंगदारी मांगी गई।

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