दिल्ली सरकार के वन विभाग ने जारी की रिज क्षेत्रों की पहचान के लिए दिल्ली में मानक संचालन प्रक्रिया
दिल्ली सरकार के वन विभाग ने रिज क्षेत्रों की पहचान के लिए एसओपी जारी की है। इससे भूमि मालिकों और जनता को यह जानने में मदद मिलेगी कि कोई जमीन रिज क्षेत्र में है या नहीं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मानचित्र से भी मदद मिलेगी। डिजिटल मानचित्र ई-वन पोर्टल पर उपलब्ध है जिससे सटीकता और पारदर्शिता आएगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के वन एवं वन्यजीव विभाग ने रिज क्षेत्रों की पहचान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। यह एसओपी भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसियों और जनता को यह निर्धारित करने में मदद करेगी कि कोई भूमि खंड शहर के मोर्फोलाजिकल रिज के अंतर्गत आता है या नहीं। इस प्रक्रिया में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा तैयार मानचित्र भी सहायक होगा।
वन विभाग के अनुसार रिज का एक डिजिटल मानचित्र अब सरकार के ई-वन लेख पोर्टल पर उपलब्ध है। पोर्टल पर संबंधित क्षेत्र की कीहोल मार्कअप लैंग्वेज (केएमएल) प्रारूप में एक फ़ाइल अपलोड करके, उपयोगकर्ता तुरंत पता लगा सकते हैं कि साइट रिज के अंदर है या बाहर।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह प्रक्रिया जल्द ही सटीक एवं प्रामाणिक परिणाम देती है। इसका उपयोग केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) द्वारा परियोजना प्रस्तावों का विश्लेषण करने के लिए भी किया जा रहा है।अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य लोगों को ज़मीन की धोखाधड़ी से बचाना व ऐसे लेन-देन में अधिक पारदर्शिता लाना है।
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