दिल्ली के स्कूलों में कंप्यूटर लैब और 11वीं के टॉपर छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप, कैबिनेट ने दी मंजूरी
दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने की योजना को मंजूरी दी है। पहले चरण में 2025-26 में 175 लैब स्थापित होंगी। साथ ही 11वीं के मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप मिलेंगे। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। सरकार ने इसके लिए करोड़ों का बजट निर्धारित किया है।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की 11वी कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लैपटाॅप के अलावा स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने की योजना को भी मंजूरी दे दी है।
शिक्षा व खेल मंत्री आशीष सूद ने बताया कि कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में डिजिटल आधारभूत संरचना सहित कंप्यूटर लैब स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है।
इस योजना के प्रथम चरण (वर्ष 2025-26) के अंतर्गत 175 कंप्यूटर लैब स्थापित की जाएंगी। इसके बाद दूसरे चरण (वर्ष 2026-27) में और 175 लैब स्थापित होंगी।
दो शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का प्राथमिकता
शेष स्कूलों को आगामी चरणों में शामिल किया जाएगा। कुल मिलाकर 544 स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर 350 स्कूल भवनों में चयनित किया गया है।
इसमें उन स्कूलों को प्राथमिकता दी गई है, जहां एक ही भवन में सुबह और शाम की शिफ्ट में अलग-अलग स्कूल चलते हैं। इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
हर लैब में 40 Desktop कंप्यूटर और अन्य संबंधित डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए एक परियोजना निगरानी इकाई गठित की गई है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
छात्रों को दिए जाएंगे आई-7 लैपटॉप
इसी तरह दिल्ली कैबिनेट ने कक्षा 10वीं के बोर्ड परिणाम के आधार पर कक्षा 11वीं के मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटाॅप देने के लिए ‘मुख्यमंत्री डिजिटल शिक्षा योजना’ को मंजूरी दी है।
इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के कक्षा 11वीं के 1200 मेधावी छात्रों को कक्षा 10वीं के बोर्ड परिणाम के आधार पर मुफ्त लैपटाॅप दिए जाएंगे, ये आई-7 लैपटाप होंगे।
यह योजना दिल्ली सरकार के बजट भाषण में घोषित की गई थी। यह योजना शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी और हर वर्ष दोहराई जाएगी।
फर्जी लोग बताते थे खुद को शिक्षा क्रांति का जनक
मंत्री सूद ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उनके प्रयासों में सहयोग देना है।
वर्तमान में इस योजना के लिए लगभग 7.5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह योजना डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और छात्रों को आधुनिक उपकरणों से सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
इसके साथी मंत्री सूद ने प्रेसवार्ता में पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा। कहा कि जो फर्जी लोग अपने को शिक्षा क्रांति का जनक बताते हैं उन्होंने स्कूलों में लैब तक स्थापित नहीं कीं।
उन्होंने कहा कि 2015 से लेकर 2019 के दौरान स्कूलों में केंद्र सरकार के फंड से 907 स्कूलों में जो लैब बनाई गई थी उनका भी अाप सरकार ने काम पूरा नहीं कराया।
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