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    दिल्ली में प्रदूषण के सोर्स का पता लगाएगा IITM पुणे, रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार बनाएगी रणनीति

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 09:54 PM (IST)

    दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए नई नीति बनाएगी। IITM पुणे दिल्ली के प्रदूषण कारकों पर विस्तृत रिपोर्ट देगा जिससे प्रदूषण के मुख्य कारणों और उनके योगदान का पता चलेगा। DPCC ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है क्योंकि वर्तमान में प्रदूषण की प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। CAQM ने भी सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी को फिर से शुरू करने के लिए कहा है।

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    अब आईआईटीएम पुणे बताएगा दिल्ली में प्रदूषण के कारक, तैयार करेगा रिपोर्ट।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली के प्रदूषण में कारकों की हिस्सेदारी पर अब इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ ट्राॅपिकल मीट्रियोलाॅजी (आईआईटीएम) पुणे विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।

    सोर्स अपाॅर्शन्मेंट स्टडी के जरिये आईआईटीएम न केवल यह बताएगा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के मुख्य कारक कौन-कौन से हैं बल्कि यह भी साझा करेगा कि इनमें से किस कारक की कितनी हिस्सेदारी है।

    यही रिपोर्ट प्रदूषण से जंग में भी मददगार बनेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने हाल ही में अपनी बोर्ड बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

    गौरतलब है कि दिल्ली में नासूर बन चुके प्रदूषण की यही प्रामाणिक स्थिति आज भी उपलब्ध नहीं है। लगभग एक दशक से भी पुरानी आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट है तो पांच साल से अधिक पुरानी सफर इंडिया की।

    हालांकि आप सरकार ने इस रिपोर्ट के लिए पहले वाशिंगटन डीसी यूनिवर्सिटी से करार किया तो बाद में आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर एक सुपरसाइट स्थापित कर सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी भी प्रारंभ कराई।

    लेकिन वाशिंगटन डीसी वाली रिपोर्ट आप सरकार के अनुकूल नहीं थी तो सुपरसाइट और सोर्स अपाॅर्शन्मेंट स्टडी भी कई वजहों से सवालों के घेरे में आ गई। लिहाजा कुछ माह ही बंद कर दी गई है।अब डीपीसीसी ने इसे लेकर आईआईटीएम पुणे की मदद लेने का मन बनाया है।

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    इन्हीं की टीम सुपरसाइट भी फिर से चलाएगी और सोर्स अपाॅर्शन्मेंट स्टडी के जरिये दिल्ली के प्रदूषकों और उनकी हिस्सेदारी की वास्तविक तस्वीर भी साफ करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार अपनी रणनीति बनाएगी और प्रदूषण पर वार करेगी।

    डीपीसीसी के अधिकारियों ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी पर्यावरण विभाग को पुख्ता एवं प्रामाणिक प्रणाली के जरिये सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी दोबारा आरंभ करने को कहा है। इसीलिए पर्यावरण विभाग आइआइटीएम से समझौता करने को प्रयासरत है।

    दिल्ली के प्रदूषकों और उनकी हिस्सेदारी की प्रामाणिक और सही तस्वीर सामना बहुत जरूरी है। आइआइटीएम पुणे को इसमें विशेषज्ञता हासिल है। इसीलिए उसके साथ सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी शुरू करने के लिए करार करने को लेकर सहमति बन गई है। जल्द ही इसकी औपचारिकताएं पूरी कर घोषणा की जा सकती है।

    - डाॅ. अनिल गुप्ता, सदस्य, डीपीसीसी

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