देश भर में कचरे से प्रदूषित धरती का होगा उपचार, सीपीसीबी बना रहा एक्शन प्लान; जल्द शुरू होगा काम
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर सहित देश में प्रदूषित धरती के उपचार के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन रूल्स 2025 के तहत लैंडफिल साइटों की भूमि का उपचार किया जाएगा जिससे मिट्टी और भूजल में पहुंचने वाले प्रदूषकों को रोका जा सके। विशेषज्ञों की मदद से एक्शन प्लान तैयार होगा और चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा ताकि जमीन के नीचे पानी और मिट्टी जहरीली न बनें।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर सहित देश के अन्य हिस्सों में अब प्रदूषित धरती का भी उपचार किया जाएगा। कचरा डालने से जमीन के भीतर मिट्टी और भूजल में जो प्रदूषक तत्व पहुंच रहे हैं, उनकी रोकथाम तो की ही जाएगी, पहले से मौजूद प्रदूषकों का प्रभाव भी खत्म किया जाएगा।
दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही के दौरान एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन (मैनेजमेंट ऑफ कंटेमिनेटिड साइट्स) रूल्स 2025 जारी किए हैं।
इसी के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने लैंडफिल साइटों की भूमि सहित अन्य सभी प्रदूषित जमीनों का उपचार करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।
बताया जाता है कि प्रोफेशनल एजेंसियों, संस्थानों एवं विशेषज्ञों की सेवाओं से पहले एक्शन प्लान होगा तैयार, फिर उस पर काम शुरू होगा काम।
जमीन के नीचे पानी व मिट्टी जहरीली न बने, इस दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। ऐसी सभी एजेंसियों, संस्थानों और विशेषज्ञों का एक सूची भी सीपीसीबी बनाएगा।
कैसे प्रदूषित हो रहीं लैंडफिल साइटों की जमीन
लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ पर्यावरण के लिए तो खतरा बने ही हुए हैं, आसपास बसी काॅलोनियों का भूजल भी जहरीला कर रहे हैं। यहां के भूजल में कैल्शियम कार्बोनेट, सल्फेट आयन एवं मैग्नीशियम सहित सेहत के लिए हानिकारक अन्य तत्व भी बड़ी मात्रा में मिल रहे हैं।
इनमें आर्सेनिक यानी धातु तत्व भी मिल रहे हैं, जोकि कैंसर कारक हैं। भूजल में कुल घुलनशील ठोस (टीडीएस) भी इसके सामान्य स्तर से ज्यादा हैं। यही नहीं, लैंडफिल साइटों पर जमा कचरा जल्द निस्तारित नहीं किए जाने के कारण सड़ने लगता है।
सड़ते कचरे से मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड और कार्बन मोनोऑक्साइड आदि जहरीली गैसें निकलती हैं। ये गैसें जमीन के भीतर की मिट्टी एवं भूजल पर भी प्रभाव डालती हैं।
ऐसे होगा प्रदूषित धरती का उपचार
लैंडफिल साइट की प्रदूषित धरती का उपचार मुख्य रूप से लीचेट को नियंत्रित करने, मिट्टी की स्थिरता बढ़ाने और कचरा कम करने पर केंद्रित होता है।
उपचार विधियों में मिट्टी का स्थिरीकरण शामिल हैं, जिसमें प्रदूषण कम करने के लिए मिट्टी के गुणों को बदला जाता है, या मिट्टी के मिश्रण का उपयोग करके दूषित पदार्थों को स्थिर किया जाता है।
इसके अलावा कचरे के ढेर पर अभेद्य आवरण लगाकर लीचेट के रिसाव को रोका जाता है और पानी की निकासी प्रणालियां बनाई जाती हैं। उपचार बाद में रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं से होता है।
एनसीआर में किस लैंडफिल की क्या है स्थिति
ओखला लैंडफिल
- क्षेत्रफल : 62 एकड़
- कब शुरु हुई :1996
- कब तक साफ करना है कूड़ा : दिसंबर 2028
- पहले कितना कूड़ा था : 60 लाख मीट्रिक टन
- अब कितना कूड़ा है : 28.21 लाख मीट्रिक टन
- प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है : 8000 मीट्रिक टन
- कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी है : 10 एकड़
- प्रतिदिन कितना नया कू़ड़ा डलता है : कुछ नहीं
गाजीपुर लैंडफिल साइट
- क्षेत्रफल : 70 एकड़
- कब शुरू हुई :1984
- कब तक साफ करना है कूड़ा : दिसंबर 2027
- पहले कितना कूड़ा था : 140 लाख मीट्रिक टन
- अब कितना कूड़ा है : 80.7 लाख मीट्रिक टन
- प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है : 8200
- कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी हैः कुछ नहीं
- प्रतिदिन कितना नया कूड़ा डलता है : 2000 मीट्रिक टन
भलस्वा लैंडफिल
- क्षेत्रफल : 70 एकड़
- कब शुरु हुई :1994
- कब तक साफ करना है कूड़ा : दिसंबर 2026
- पहले कितना कूड़ा था : 80 लाख मीट्रिक टन
- अब कितना कूड़ा है : 43.58 लाख मीट्रिक टन
- प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है : 8300 मीट्रिक टन
- कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी है : पांच एकड़
- प्रतिदिन कितना नया कूड़ा डलता है : 2000 मीट्रिक टन
गुरुग्राम लैंडफिल
- क्षेत्रफल : 70 एकड़
- कब शुरु हुई : 1984
- कब तक साफ करना है कूड़ा : दिसंबर 2027
- पहले कितना कूड़ा था : 140 लाख मीट्रिक टन
- अब कितना कूड़ा है : 80.7 लाख मीट्रिक टन
- प्रतिदिन कितना कूड़ा निस्तारित हो रहा है : 8200
- कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी है : कुछ नहीं
- प्रतिदिन कितना नया कूड़ा डलता है : 2000 मीट्रिक टन
बंधवाडी लैंडफिल
- क्षेत्रफल : 30 एकड़
- कब तक साफ करना है कूड़ा : फरवरी 2026
- पहले कितना कूड़ा था : 30.43 लाख मीट्रिक टन
- अब कितना कूड़ा है : 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा
- कितनी भूमि खाली कराई जा चुकी है : पांच एकड़
एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन (मैनेजमेंट ऑफ कंटेमिनेटिड साइट्स) रूल्स 2025 के तहत सीपीसीबी ने एनसीआर सहित देशभर में प्रदूषित जमीनों का उपचार करने को प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। यह एक नई पहल है। अभी काम शुरू होना है। प्रस्ताव आ जाने और टेंडर अवार्ड हो जाने पर इस बारे में अधिक बताया जा सकेगा।
-डाॅ .अनिल गुप्ता, सदस्य, सीपीसीबी
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