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    हाईटेक हुआ दिल्ली HC: मोबाइल ऐप और ई-एचआरएमएस पोर्टल शुरू, सीएम रेखा गुप्ता ने की एडवांस सुविधाओं की घोषणा

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:04 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने दिल्ली हाई कोर्ट मोबाइल एप्प और ई-एचआरएमएस पोर्टल का शुभारंभ किया। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह ने ई-फाइलिंग और मोबाइल एप्प की सुविधा के बारे में बताया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तकनीकी प्रगति और बजट के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक न्यायाधीश को लॉ रिसर्चर मिलेंगे और कोर्ट परिसरों में वाई-फाई सुविधा होगी।

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    दिल्ली हाई कोर्ट मोबाइल एप्प और ई-एचआरएमएस पोर्टल फॉर ज्यूडिशियल ऑफिसर्स का शुभारंभ किया गया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने दिल्ली हाई कोर्ट मोबाइल एप्प और ई-एचआरएमएस पोर्टल फॉर ज्यूडिशियल ऑफिसर्स का शुभारंभ किया। इस अवसर पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, आईटी कमेटी की चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह और न्यायमूर्ति संजीव नरूला उपस्थित रहे। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने टाइपराइटर के युग से लेकर ई-कोर्ट जैसी आधुनिक तकनीक को अपनाया है। 

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    ई-फाइलिंग और मोबाइल एप्प की सुविधा

    न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद दिल्ली हाई कोर्ट सहित सभी अदालतों में ई-फाइलिंग शुरू हुई। अब लोग दिल्ली हाई कोर्ट मोबाइल एप्प अपने फोन पर डाउनलोड कर सकेंगे, जिसमें वेबसाइट की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पहली बार एमसीडी अपीलेट ट्रिब्यूनल और जेजेबी भी ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म पर शामिल होंगे।

    तकनीकी प्रगति और बजट का प्रावधान

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि देश तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाइब्रिड कोर्ट के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। न्यायिक अधिकारियों के लिए बेहतर सुविधाओं हेतु 540 करोड़ रुपये का बजट ज्यूडिशियल आवास के लिए निर्धारित किया गया है।

    उन्होंने कहा कि प्रत्येक न्यायाधीश को चार-चार लॉ रिसर्चर प्रदान किए जाएंगे, जिनका मानदेय 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये किया गया है। सभी कोर्ट परिसरों में मुफ्त वाई-फाई सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसे और कम करने की कोशिश जारी रहेगी। 

    सरकार की जवाबदेही और जनहित

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यों पर टिप्पणी करने के बजाय वर्तमान सरकार जनता की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वह यह जानकारी इसलिए साझा कर रही हैं ताकि भविष्य में कोर्ट को दिल्ली सरकार को फटकार न लगानी पड़े।

    मुख्य न्यायाधीश का आभार

    मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने अधिवक्ताओं और कोर्ट की समस्याओं को समझने और समाधान के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब समस्याओं को महसूस किया जाता है तब कार्य सही दिशा में आगे बढ़ता है। सरकार और कोर्ट मिलकर जनहित में काम करते हैं, इसलिए फटकार जैसी कोई बात नहीं है। 

    न्यायमूर्ति बोले-तभी लगती है फटकार 

    सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि सरकार को फटकार तभी पड़ती है जब मजबूरी हो। सरकार से पहले पूछा जाता है कि कार्य हुआ या नहीं? यदि नहीं हुआ, तभी फटकार लगती है।

    उन्होंने सरकार को फटकार को अन्यथा न लेने और न्यायिक कार्यों के लिए सक्रिय रहने की सलाह दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से घोषणाएँ करते रहने और न्यायिक क्षेत्र में कार्य करने का आग्रह किया।

    साथ ही, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की प्रशंसा करते हुए कहा कि लखनऊ हाई कोर्ट बेंच में उनके बिना कोई अधिवक्ता कार्य नहीं कर सकता।

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