क्या राजधानी बन जाएगी अपराध मुक्त? दिल्ली पुलिस कमिश्नर के सामने क्या-क्या नई चुनौतियां
Delhi New Commissioner SBK Singh दिल्ली के नए पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह के सामने पुलिसिंग में सुधार की कई चुनौतियां हैं। उन्हें लंबित मुद्दों पर ध्यान देना होगा और गुटबाजी से कमजोर हुई स्पेशल सेल को फिर से मजबूत करना होगा। अधिकारियों को प्रोत्साहन और पदोन्नति देकर मनोबल बढ़ाना भी आवश्यक है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi New Commissioner SBK Singh: दिल्ली में बेहतर पुलिसिंग के लिए नए पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह को कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे। दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर रहने के कारण इस काडर के सभी अधिकारियों से आयुक्त का पहले से बेहतर तालमेल होने के कारण उन्हें किसी भी मसले पर निर्णय लेने में दिक्कत नहीं आएगी।
बीते वर्षों में इस तरह की समस्या आई कि आयुक्त को अधिकतर निर्णय अपने ओएसडी से पूछकर लेना पड़ा। अब इस तरह की समस्या नहीं आएगी। पूर्व पुलिस आयुक्त के कार्यकाल में जिन मसले को टाल दिया गया उसपर नए आयुक्त विचार कर सकते हैं।
अरोड़ा के कार्यकाल में स्पेशल सेल में गुटबाजी के कारण सेल काफी कमजोर हो गई। पहले ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। सेल में तैनात एक डीसीपी रैंक के अधिकारी इस यूनिट को अपने मन माफिक चलाते रहे। सेल के मुखिया रहे विवेक गोगिया, एचजीएस धालीवाल और आरपी उपाध्याय की एक नहीं चली।
नतीजा यह हुआ है कि सेल का अधिकतर फोकस आतंकियों व गैंग्सटरों को पकड़ने के बजाय चीटरों व सट्टेबाजों के खिलाफ एफआइआर करने व उन्हें नोटिस भेजने में लगा रहा। बड़ी संख्या में ऐसी एफआइआर दर्ज की गई जिनमें कोई शिकायतकर्ता ही नहीं है।
गुटबाजी इतनी तेज हुई कि सेल में लंबे समय से तैनात कई जांबाज एसीपी को साइड लाइन कर दिया गया तो कई पुराने व अनुभवी इंस्पेक्टरों व उनकी टीम के जांबाज कर्मियों को सेल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इन सब से सेल कमजोर हो गई।
नए आयुक्त को सेल को फिर पहले की तरह मजबूत बनाना बड़ी चुनौती होगी। सेल में तैनात एक सुपर काॅप डीसीपी को राकेश अस्थाना के कार्यकाल में बाहर भेज दिया गया। लंबे समय बाद जब उनकी दिल्ली पुलिस में वापसी हुई तब दोबारा उन्हें सेल में आने नहीं दिया गया।
स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच के अलावा जिले की टीम द्वारा गुड वर्क करने पर कैश रिवार्ड मिलता था। इंस्पेक्टरों को मुखबिर फंड भी दिए जाने का प्रविधान है। गत वर्षों में इस सब को रोक दिया गया।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि हर साल 15 अगस्त के मौके पर वीरतापूर्ण काम करने वाले पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री अवार्ड दिए जाने की घोषणा की जाती है।
इस बार इसके चयन के लिए पुलिस मुख्यालय में कमेटी ही नहीं बैठी। इसके अलावा पिछले तीन साल में सब इंस्पेक्टरों व इंस्पेक्टरों को कोई पदोन्नति नहीं दी गई, जिससे फोर्स का मनोबल घटा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।