'थाने में बुलाकर आम जनता और छात्रों को कामकाज से अवगत कराएं पुलिसकर्मी', दिल्ली पुलिस आयुक्त का आदेश
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जनता और छात्रों को पुलिस के कामकाज से परिचित कराने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत पुलिस थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें सुरक्षा उपकरणों का प्रदर्शन और विभिन्न इकाइयों का दौरा शामिल होगा। युवाओं को जोड़ने के लिए विशेष आयोजन होंगे और जन सुनवाई के माध्यम से शिकायतों का निवारण किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जनता की सहभागिता और छात्रों की शैक्षणिक पहुंच बढ़ाने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। 16 जुलाई को जारी इस आदेश के तहत, सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया गया है कि वे आम जनता और छात्रों को थानों में आमंत्रित कर पुलिस के कामकाज से अवगत कराएं।
हर सप्ताह पुलिस स्टेशन या जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें छात्रों और नागरिकों को नमूना एफआइआर, आंसू गैस, कतार प्रबंधन उपकरण, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी), हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) जैसे सुरक्षा उपकरणों का प्रदर्शन दिखाया जाएगा। साथ ही केस प्रापर्टी की बारकोडिंग, सामान्य संपत्ति और जब्त हथियारों की जानकारी भी दी जाएगी।
प्रदर्शनों के साथ, रिकार्ड रूम, वायरलेस यूनिट और कंट्रोल रूम का दौरा भी कराया जाएगा। स्कूलों और कालेजों में पुलिस कार्यों पर मासिक बहस आयोजित होंगी और अक्टूबर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर विजेताओं के लिए समापन समारोह होगा। इस कार्यक्रम में एसीपी रैंक के अधिकारी मुख्य अतिथि होंगे।
आदेश में सुझाव दिया गया है कि युवाओं की रुचि बनाए रखने के लिए युवा आइकन और प्रभावशाली व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाए। इसके अलावा, हर कार्यक्रम की वीडियो रिकार्डिंग, रिपोर्ट और मूल्यांकन किया जाएगा।
जन शिकायतों के लिए ‘जन सुनवाई’ की शुरुआत भी की जाएगी। कार्यक्रमों में यातायात, साइबर अपराध, फेक न्यूज, किशोर अपराध और नशा जैसे मुद्दों पर कार्यशालाएं भी शामिल रहेंगी। इस पहल का उद्देश्य पुलिस और समाज के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूत करना है।
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