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    दिल्ली वोकेशनल शिक्षा के साथ प्लेसमेंट ड्राइव की गई अनिवार्य, छात्रों को मिलेगा रोजगार

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 10:31 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने 2025-26 सत्र से वोकेशनल शिक्षा के साथ 12वीं पास छात्रों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव अनिवार्य की है। शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। प्रधानाचार्यों को छात्रों की जानकारी भेजनी होगी जिसमें वोकेशनल विषय और नौकरी में रुचि शामिल हैं।

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    12वीं के वोकेशनल छात्रों के लिए अनिवार्य हुई प्लेसमेंट ड्राइव।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में वोकेशनल शिक्षा के साथ 12वीं उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के लिए प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित करना अनिवार्य कर दिया है।

    शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। वोकेशनल शाखा ने स्कूल प्रधानाचार्यों से योग्य छात्रों की जानकारी एकत्र कर उसे विभाग को भेजने को कहा है।

    नौकरी में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या और संबंधित शिक्षकों का विवरण देना है। निदेशालय ने यह कदम छात्रों को उद्योग जगत से जोड़ने और उन्हें शुरुआती स्तर पर रोजगार दिलाने की दिशा में उठाया गया है।

    625 सरकारी व 360 समग्र शिक्षा स्कूलों में लागू है वोकेशनल शिक्षा

    वर्तमान में 625 सरकारी और 360 समग्र शिक्षा योजना के तहत आने वाले स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा कार्यक्रम लागू है। यह नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और एनएसक्यूएफ के अनुरूप है।

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    निदेशालय ने मई 2025 में छठवीं से आठवीं तक के छात्रों के लिए भी प्री-वोकेशनल शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है, जिससे स्कूली शिक्षा के प्रारंभिक चरण में ही कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

    वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था वोकेशनल कार्यक्रम

    दिल्ली सरकार ने वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के तहत नौवीं से 12वीं तक के लिए वोकेशनल कार्यक्रम शुरू किया था।

    इसमें आइटी-आइटीईएस, रिटेल, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी जैसे विषयों के साथ-साथ ब्यूटी एंड वेलनेस, ऑटोमोटिव जैसे विशेष क्षेत्र शामिल हैं।

    हाथों से काम कर सीखने पर दिया गया जोर

    इस कार्यक्रम में आर्गेनिक खेती, कुम्हारी, बढ़ईगीरी, बाजरे से खाना बनाना, कढ़ाई और बेसिक इलेक्ट्रिकल वर्क जैसी गतिविधियों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। शिक्षक छात्रों को सुरक्षित ढंग से कार्य करना, समूह में सहयोग और व्यावहारिक अनुभव सिखाएंगे।

    110 घंटे का वार्षिक मूल्यांकन निर्धारित किया गया 

    छात्रों का मूल्यांकन लिखित परीक्षा, मौखिक प्रस्तुति, गतिविधि पुस्तिका, पोर्टफोलियो और शिक्षकों के अवलोकन के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए हर वर्ष 110 घंटे निर्धारित किए गए हैं।

    एनसीएफ-एसई 2023 के अनुरूप नया पाठ्यक्रम 

    वर्तमान पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ-एसई) 2023 के अनुरूप तैयार किया गया है। जिसमें विद्यार्थियों को तीन प्रमुख श्रेणियों में काम करने का अवसर मिलता है। हर वर्ष छात्र इन तीनों श्रेणियों से एक-एक प्रोजेक्ट पूरा करेंगे।

    • जीवन रूपों के साथ कार्य
    • मशीनों और सामग्री के साथ कार्य
    • मानवीय सेवाओं में कार्य

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