रेलवे ट्रैक पर रखरखाव ट्रॉली चलाने को लेनी होगी अनुमति, कटिहार में अवध-असम एक्सप्रेस की घटना के बाद लिया फैसला
रेलवे ट्रैक रखरखाव के दौरान सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने नए नियम जारी किए हैं। कटिहार में हुई दुर्घटना के बाद इंजीनियरिंग विभाग को ट्राली चलाने से पहले अन्य विभागों से अनुमति लेनी होगी। भारतीय रेलवे स्थायी मार्ग नियमावली में सुधार किया जा रहा है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अखिल भारतीय रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन ने पहले भी इस व्यवस्था में बदलाव की मांग की थी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे ट्रैक के रखरखाव के लिए इंजीनियरिंग विभाग को ट्राली चलाने से पहले संबंधित विभागों से अनुमति लेनी होगी। 20 जून को कटिहार में अवध-असम एक्सप्रेस एक रेलवे ट्राली से टकरा गई थी जिसमें एक रेलकर्मी की मृत्यु हो गई थी। तीन लोग घायक हो गए थे। इस दुर्घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को यह निर्देश जारी किया है।
रेलवे मंत्रालय ने ट्राली और ट्रैक रखरखाव कार्य को लेकर भारतीय रेलवे स्थायी मार्ग नियमावली (आइआरपीडब्ल्यूएम) में सुधार करने को भी कहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार आइआरपीडब्ल्यूएम में संबंधित विभाग से ब्लाक प्रोटेक्शन लेने के बाद ट्रैक रखरखाव कार्य करने का प्रविधान है। साथ ही ब्लाक की अनुमति के बिना ट्राली की आवाजाही हो सकती थी।
अखिल भारतीय रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन ने बदलाव की मांग की
वरिष्ठ खंड अभियंता दो ट्रेनों के आवागमन के बीच के समय अंतराल को ध्यान में रखते हुए ट्रैक रखरखाव करने वाले कर्मियों के साथ मोटर ट्राली भेज सकता था। इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। पहले भी कई दुर्घटनाएं हुई हैं। अखिल भारतीय रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन इस व्यवस्था में बदलाव की मांग कर रहा था।
कटिहार में हुई दुर्घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने बदलाव का निर्देश जारी किया है। अब इंजीनियरिंग विभाग को यातायात एवं नियंत्रण विभाग से एक निश्चित समयावधि के लिए ट्रैक पर मोटर ट्राली चलाने के लिए अनुमति लेनी होगी। यातायात एवं नियंत्रण विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उस विशिष्ट समयावधि के दौरान कोई ट्रेन उस खंड पर नहीं चले।
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