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    नाइट शिफ्ट में महिलाएं काम करेंगी या नहीं! LG सक्सेना और CM रेखा गुप्ता ने दिए खास निर्देश

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 11:16 PM (IST)

    उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की बैठक में महिला कर्मचारियों को रात्रि पाली में काम करने के लिए उनकी सहमति अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया। श्रम विभाग को इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। पुराने कानूनों में संशोधन और व्यापार करने में आसानी पर भी चर्चा हुई साथ ही भूमि सुधार अधिनियम की समीक्षा करने और एनओसी के लिए सिंगल विंडो पोर्टल बनाने के निर्देश दिए गए।

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    महिला कर्मचारियों को उनकी सहमति से ही रात की पाली में काम पर बुलाएं।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सोमवार शाम को बैठक में तय किया गया कि महिला कर्मचारियों की सहमति लेने के बाद ही उन्हें रात्रि पाली में काम पर बुलाया जाएगा। श्रम विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

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    पूर्व की आप सरकार ने भी दो साल पहले दिल्ली में रात में भी काम करने के नियमों की अनुमति दी थी, मगर उसे ठीक से लागू नहीं करा पाया था, आ रहीं शिकायतों को देखते हुए सरकार ने अब रात्रि पाली में महिलाओं को बुलाने पर उनकी सहमति का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।

    एलजी ने सीएम के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

    बता दें कि सोमवार शाम को उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाओं, 'व्यापार करने में आसानी' आदि की सरकार' से संबंधित विभिन्न पहलुओं की स्थिति और प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सक्सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक और पुराने कानून, प्रक्रियाएं और नियामक व्यवस्था ने व्यवसायों और आर्थिक गतिविधियों को बाधित और हतोत्साहित किया है।

    सक्सेना और गुप्ता ने जोर देकर कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान दिल्ली की प्रगति संतोषजनक से बहुत दूर थी। गुप्ता ने कहा कि व्यापार करने में कठिनाई के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसमें उद्योग और व्यवसाय दिल्ली की कीमत पर दूसरे राज्यों में चले गए थे। सरकारी प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए कई निर्देश जारी किए गए।

    सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

    बैठक में श्रम विभाग को महिला कर्मचारियों की सहमति लेने के बाद उन्हें रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देने के लिए तत्काल कदम उठाने और दिल्ली दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करके और कारखाना अधिनियम के तहत उपयुक्त अधिसूचना जारी करके सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। विभाग को दिल्ली दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करने का भी निर्देश दिया गया ताकि प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या बढ़ाने के साथ दुकानों/प्रतिष्ठानों को 24x7 काम करने की अनुमति दी जा सके।

    अधिकारी ने कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम में बंद करने की अनुमति लेने के लिए श्रमिकों की सीमा 100 से बढ़ाकर 200 करने के निर्देश भी जारी किए गए। दिल्ली अग्निशमन विभाग को तीसरे पक्ष के आडिट के लिए एजेंसियों को पैनल में शामिल करने के लिए कहा गया।

    एनओसी प्राप्त करने की अनुमति दी जा सकती है

    अधिकारी ने कहा कि बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को पैनल में शामिल एजेंसियों के आडिट प्रमाणपत्र पर एनओसी प्राप्त करने की अनुमति दी जा सकती है। छोटे प्रतिष्ठानों को तीसरे पक्ष के ऑडिट का विकल्प दिया जा सकता है। इस बात पर भी जोर दिया गया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को संचालन के लिए सहमति देने के समय को घटाकर 20 दिन कर देना चाहिए, जिसके बाद इसे एक स्वीकृत मान लिया जाना चाहिए।

    अधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा लागू की जा रही दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम की धारा 81 और 33 सहित कई धाराएं और प्रविधान शहर के किसानों के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं, क्योंकि इससे भूमि का हस्तांतरण, बिक्री और म्यूटेशन लगभग असंभव हो गया है।

    विशिष्ट प्रविधानों पर नए सिरे से विचार करने के लिए कहा गया

    उन्होंने कहा कि विभाग को अधिनियम और विशिष्ट प्रविधानों पर नए सिरे से विचार करने के लिए कहा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को सभी तरह के एनओसी के लिए सिंगल विंडो पोर्टल बनाने का निर्देश दिया गया।अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय लिया गया कि इन निर्देशों के क्रियान्वयन की नियमित आधार पर एलजी या मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा की जाएगी और इसे छह महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।