'गाजीपुर लैंडसाइट से पुराना कचरा कब तक हटेगा?', NGT ने MCD से पूछे कई सवाल; निर्देश भी दिए
गाजीपुर लैंडसाइट पर कचरे के पहाड़ के मामले में एनजीटी ने एमसीडी को निर्देश दिए हैं कि वह बताए कि पुराने कचरे को कब तक हटाएगी। एनजीटी ने कचरा निपटान में भारी अंतर पर चिंता जताई और एमसीडी से इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। एमसीडी को अनुदान के इंतजाम और जिम्मेदार एजेंसी के बारे में भी बताना होगा। मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गाजीपुर लैंडसाइट पर कूड़े के पहाड़ से जुड़े मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को कई अहम निर्देश दिए हैं। एमसीडी की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्वत की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमसीडी को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि गाजीपुर लैंड साइट से पुराना कचरा कब तक हटेगा।
एनजीटी ने रिकार्ड पर लिया कि लैंडफिल साइट पर हर दिन 2400 से 2600 मीट्रिक टन कचरा पहुंचता है, जबकि गाजीपुर स्थित अपशिष्ट से ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) में 700 से एक हजार मीट्रिक टन का ही प्रतिदिन निपटारा हो पाता है।
ओखला स्थिति डब्ल्यूटीई प्लांट अप्रैल 2025 के बाद बंद
ओखला स्थिति डब्ल्यूटीई प्लांट पर जो कचरा जाता था, वह भी अप्रैल 2025 के बाद बंद हो चुका है। एनजीटी ने कहा कि हर दिन आने वाला ठोस कचरा और इसके निपटारे में भारी अंतर है और इस अंतर को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का विवरण बताए बिना ही एमसीडी ने पूर्ण निपटान के लिए लक्षित समय-सीमा 2028 बताई गई है। ऐसे में जरूरी है कि एमसीडी हलफनामा दाखिल करके बताए कि पुराना कचरा कब तक और कैसे हटाया जाएगा।
यह भी बताया जाए कि इसके लिए अनुदान का इंतजाम कैसे होगा और इसके लिए जिम्मेदार एजेंसी कौन सी होगी। एनजीटी गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।
10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरे का निपटान
पीठ ने नोट किया एमसीडी ने रिपोर्ट में कहा है कि ट्रामेल्स द्वारा जैव-खनन के माध्यम से 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरे का निपटान डंप साइट से किया जा रहा है। ऐसे में एमसीडी जैव-खनन के लिए उपलब्ध संसाधनों, उनके उपयोग, सहायक सामग्री और समेत अन्य जानकारी पेश करने का निर्देश दिया जाता है। एनजीटी ने यह भी पूछा कि लीचेट और वेस्ट के महीनेवार आंकड़े, ट्रकों की संख्या, और निपटान प्रक्रिया के साथ मीथेन गैस को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था क्या है। मामले में आगे की सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।
लैंडफिल साइट पर पुराना कचरा ( आंकड़े जून 2022 तक )
साइट | नया और पुराना कचरा | पुराना कचरा |
---|---|---|
गाजीपुर | 85 | 22.36 |
भलस्वा | 73 | 62.36 |
ओखला | 45 | 41.35 |
कुल | 203 | 126.07 |
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