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    दिल्ली के 573 कॉलोनियों के लिए बड़ी खबर, रेखा गुप्ता सरकार देने जा रही यह खास सुविधा

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 07:07 PM (IST)

    दिल्ली जल बोर्ड ने अनधिकृत कॉलोनियों में मुफ्त सीवर सफाई का फैसला किया है जहां वर्तमान में 573 कॉलोनियों में सीवर सुविधा नहीं है। ठेकेदार मनमानी करते हुए गंदगी नालों में बहा देते हैं जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है। 2028 तक पूरी दिल्ली में सीवर लाइन बिछाने का लक्ष्य है। जल बोर्ड 200 टैंकर तैनात करेगा और हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा जिससे लगभग 12 लाख लोगों को फायदा होगा।

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    दिल्ली सराकर ने अनधिकृत कॉलोनियों में सेप्टिक टैंक की नि:शुल्क सफाई का लिया फैसला।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के 573 अनधिकृत कॉलोनियों में अभी तक सीवर की सुविधा नहीं हैं। इन कॉलोनियों में लोग ठेकेदारों को पैसे देकर सेप्टिक टैंक की सफाई कराते हैं। कई ठेकेदार सेप्टिक टैंक की गंदगी नालों में या खुले में डाल देते हैं। नालों के माध्यम से गंदगी यमुना में पहुंच रही है। प्रतिबंध के बावजूद कई स्थानों पर मशीन की जगह सफाई कर्मियों से सेप्टिक टैंक की सफाई कराई जाती है जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसके समाधान के लिए दिल्ली जल बोर्ड निःशुल्क यह काम करेगा।

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    दिल्ली में कुल 1799 अनधिकृत कॉलोनी हैं। इनमें से 1226 में ही सीवर लाइन की सुविधा है। 154 में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि शहर की सफाई और यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सभी घर को सीवर लाइन से जोड़ना आवश्यक है। जल बोर्ड ने वर्ष 2028 तक पूरी दिल्ली में सीवर लाइन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

    सीवरेज पंपिंग स्टेशन सीवरेज उपचार संयंत्र से जुड़े हुए

    अभी जिन कॉलोनियों में सीवर लाइन नहीं है, वहां सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए बोर्ड ने 152 ठेकेदारों को लाइसेंस दिया है। उन्हें अपशिष्ट इकट्ठा कर 86 सीवरेज पंपिंग स्टेशन तक पहुंचाना होता है। सभी सीवरेज पंपिंग स्टेशन सीवरेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) से जुड़े हुए हैं। एसटीपी की क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उन्नयन का काम चल रहा है। अगले वर्ष तक यह काम पूरा किया जाना है।

    ठेकेदार लोगों से सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए दो से तीन हजार रुपये वसूलने के बाद भी नियम का पालन नहीं करते हैं। अपशिष्ट नालों में बहाया जा रहा है। सफाई कर्मियों से सेप्टिक टैंक की सफाई कराने की भी शिकायत मिलती है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

    सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए 1200 लोगों की गई जान

    राज्य सभा में पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1993 से वर्ष 2024 तक सीवर व सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए पूरे देश में 1200 लोगों की जान चली गई है। इसमें 133 लोगों की मौत दिल्ली में हुई है। जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अनधिकृत कॉलोनियों से सभी ठेकेदारों को हटाकर जल बोर्ड अपने संसाधन से निःशुल्क सफाई कराने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लोगों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाएगा।

    जल मंत्री प्रवेश वर्मा का कहना है कि जल बोर्ड में कर्मियों की कमी दूर की जा रही है। रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। बिना सीवर सुविधा वाली अनधिकृत कालोनियों में सेप्टिक टैंक की सफाई व अपशिष्ट इकट्ठा करने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ लगभग 200 टैंकर तैनात किए जाएंगे। इस कदम से इन कालोनियों में रहने वाले लगभग 12 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।

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