बीते पांच वर्षों में 90 प्रतिशत घटे पतंगबाजी के चलते मेट्रो सेवा बाधित होने के मामले, DMRC की यह तकनीक आई काम
दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी पर पतंगबाजी से मेट्रो सेवाओं में बाधा आती है। डीएमआरसी ने तारों में मांझे उलझने से होने वाली ट्रिपिंग को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं जिससे 2021 के मुकाबले 2025 में 90% तक की कमी आई है। डीएमआरसी ने लोगों से तारों के पास पतंग न उड़ाने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी पर जमकर पतंगबाजी होती है। मेटल कोटेड मांझे मेट्रो के ओवरहेड तारों में उलझकर ओएचई ट्रिपिंग का प्रमुख कारण बनते हैं। इसके चलते अक्सर मेट्रो सेवाओं में देरी और व्यवधान होता है।
पतंगबाजी के चलते ओवरहेड तारों में मांझे फंसने से होने वाली ट्रिपिंग के मामलों में पिछले पांच वर्षों में काफी सुधार हुआ है। वर्ष 2021 के मुकाबले इस वर्ष मेट्रो सेवा बाधित होने के मामलों में 90 प्रतिशत तक की कमी आयी है।
डीएमआरसी ने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए समर्पित प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की है। इस अवधि में सभी लाइनों पर मेंटीनेंस टीमें तैनात की जाती हैं। पक्षियों और पतंगों की बहुलता वाले एलिवेटेड स्टेशनों पर कैटेनेरी तारों पर इंसुलेशन स्लीव्स लगाए गए, ताकि उलझे हुए तारों से शार्ट सर्किट को रोका जा सके। अब तक 20 एलिवेटेड स्टेशनों पर स्लीव्स लगाई जा चुकी हैं।
वहीं फेज-III स्टेशनों में पोर्टल संरचनाओं और कैंटिलीवर स्थानों के नीचे अतिरिक्त कवरेज प्रदान किया गया। अतिरिक्त इंसुलेटर का उपयोग करके प्रमुख बिंदुओं पर लाइव और अर्थेड तारों के बीच क्लीयरेंस बढ़ाने के लिए ओएचई में संशोधन किया गया। लाइव तारों के संपर्क के जोखिम को कम करने के लिए रिटर्न कंडक्टरों को भी स्थानांतरित किया गया।
इसके चलते वर्ष 2021 में जहां मेट्रो सेवा बाधित होने के 102 मामले सामने आए थे, वहीं 2022 में 90, 2023 में 33, 2024 में 23 और 2025 में घटकर केवल 11 रह गए। डीएमआरसी ने दिल्लीवासियों से मेट्रो के 25000 वोल्ट ओएचई तारों के पास पतंग उड़ाने से बचने की अपील की है।
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