'दिल्ली के निचले इलाकों में होगा जलभराव... हम कोई भगवान नहीं', MCD आयुक्त ने क्यों दिया ऐसा जवाब
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में नालों की सफाई का मुद्दा उठा। निगम ने दावा किया कि 92% सफाई कार्य पूरा हो गया है। पार्षदों ने सवाल उठाए जिसके जवाब में निगमायुक्त ने पिछले साल से बेहतर कार्य करने की बात कही। उन्होंने गाद निकालने के कार्यों और जलभराव से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी। निगम सुधार के लिए तैयार है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में नालों की सफाई का मुद्दा उठाया। इस पर निगम ने दावा किया है कि उसने 92 प्रतिशत नालों की सफाई का कार्य कर लिया है। यह स्थिति तब है कि जबकि मानसून की वर्षा कभी भी हो सकती है।
निगम की स्थायी समिति की बैठक में उपाध्यक्ष सुंदर सिंह द्वारा लगाए गए अल्पकालिक प्रश्न पर चर्चा हुई। जहां पार्षदों ने नालों की सफाई को लेकर कई सवाल उठाए। वहीं, चर्चा के जवाब में निगमायुक्त अश्वनी कुमार ने कहा कि निचले इलाकों में जलभराव होगा लेकिन हम पिछले साल की अपेक्षा में बेहतर कार्य करेंगे।
कम गहरे नालों की 37 हजार मीट्रिक टन गाद निकाली गई
निगमायुक्त ने कहा कि चार फिट से गहरे नालों से एक जनवरी से लेकर 23 जून तक एक लाख 56 हजार मीट्रिक टन गाद निकाली गई है जबकि चार फिट से कम गहरे नालों की 37 हजार मीट्रिक टन गाद निकाली गई है। यह गाद पिछले वर्ष से ज्यादा निकाली गई है।
उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहना चाहते हैं कि हमने सारा काम सही तरह से कर दिया है लेकिन हम यह जरूर कहना चाहेंगे कि हमारे कर्मचारी लगे हैं। आप सभी (पार्षदों) के दिशा-निर्देश से और जहां-जहां आप कहते हैं वहां पर काम करने की कोशिश करते हैं।
जलभराव और नाले की सफाई दोनों अलग-अलग समस्या
उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि क्या जलभराव होगा या नहीं होगा। जलभराव और नाले की सफाई दोनों अलग-अलग समस्या हैं। हम कोई भगवान नहीं कि हमारा इंद्र देव पर नियंत्रण है जो कि वर्षा नहीं होगी, बर्षा कम होगी या फिर वर्षा की कम मात्रा वाली होगी। जहां निचले इलाके हैं वहां पर जलभराव होगा लेकिन पिछले साल की अपेक्षा हम बेहतर करेंगे।
जहां जरूरत, वहां हम सुधार करने के लिए तैयार: निगमायुक्त
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे प्वाइंट हैं जहां जलभराव होता है वहां पर हमने पंप की व्यवस्था की है। नए पंप खरीदे हैं। पंपों को रिपेयर किया है और यह काम सतत चल रहा है। हमारे सभी अधिकारी वर्षा के दौरान इस बात पर लगे रहते हैं कि वर्षा हो रही है तो जो पंप लगे हैं वह चल रहे हैं या नहीं। सदस्यों से आग्रह है कि जहां कहीं लगता है कि हमें सुधार की जरुरत है वहां पर हम सुधार करने के लिए तैयार हैं।
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