Rekha Gupta: 'गैस चैंबर से दिल्ली को फिर से बनाएंगे ग्रीन कैपिटल', वन महोत्सव कार्यक्रम में बोलीं सीएम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। वन महोत्सव 2025 के शुभारंभ पर उन्होंने माँ के नाम एक पेड़ पहल को सराहा। पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया। सरकार ने इस वर्ष 70 लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया है और हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने आश्वासन दिया कि दिल्ली को प्रदूषण के अंधकार से बाहर निकालने और एक स्वच्छ, सुरक्षित व हरित राजधानी के रूप में दिल्ली को विकसित करने के लिए सरकार पूरी ताकत से काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि दिल्ली को ''गैस चैंबर'' से ''ग्रीन कैपिटल'' में बदलने के लिए सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक को मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री भारत मंडपम में आयोजित वन महोत्सव 2025 के शुभारंभ अवसर पर बोल रही थीं।
इससे पहले उन्होंने रिज क्षेत्र के पीबीजी ग्राउंड पर पौधा भी लगाया। उन्होंने कहा, यह केवल पेड़ लगाने का उत्सव नहीं है, बल्कि धरती के प्रति हमारी संयुक्त जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। यह आने वाली पीढ़ियों को जीवन देने का प्रण है।
उन्होंने कहा, ''मां के नाम एक पेड़ लगाना'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी पहल है, जो प्रकृति, मातृत्व और देशभक्ति को एक सूत्र में पिरोती है। यह विषय देखने में भले ही छोटा लगे, लेकिन इसका भाव और महत्व बहुत गहरा है। यह अभियान हमारी संस्कृति, हमारी भावनाओं और पर्यावरण से गहराई से जुड़ा हुआ है।
पिछली सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में पहले कभी इस दिशा में गंभीरता से नहीं सोचा गया कि ऐसे वृक्ष लगाए जाएं जो पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ जीवन को भी लाभ पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के पर्यावरण संकट को लेकर पूर्व सरकारों की उदासीनता पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पिछले 27 वर्षों में किसी सरकार ने यह नहीं सोचा कि दिल्ली वासियों को स्वच्छ वायु कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है।
इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली ने वर्षों तक एक ऐसी सरकार को झेला, जिसने न केवल राजधानी के संसाधनों का दुरुपयोग किया, बल्कि इसकी गिरती वायु गुणवत्ता के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर की छवि को भी धूमिल किया।
यहां तक कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे भावनात्मक और सांस्कृतिक अभियान की शुरुआत की, तब भी इसे केवल इस कारण से नज़रअंदाज़ कर दिया गया क्योंकि यह पहल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई थी।
उन्होंने आगे बताया कि हमारी सरकार ने इस वर्ष 70 लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। दिल्ली में 20 एकड़ क्षेत्र में मियांवाकी जंगल विकसित किए जा रहे हैं। हरित क्षेत्र के विस्तार के लिए हमने इकोलाजिकल टास्क फोर्स को भी पुनः सक्रिय किया है, जो वृक्षारोपण प्रयासों का नेतृत्व और निगरानी करेगी।
इस अवसर पर पीडब्लूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, सांसद बांसुरी स्वराज, मुख्य सचिव धर्मेंद्र एवं स्कूलों के छात्र- छात्राओं सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा भारत मंडपम में वन महोत्सव प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। साथ ही स्कूल के इको क्लब, आरडब्ल्यूए और वन अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
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