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    दिल्ली में प्रशासनिक सुधार के लिए नए राजस्व जिलों का होगा पुनर्गठन, 11 से बढ़कर 13-14 करने पर मंथन

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 02:15 AM (IST)

    दिल्ली में प्रशासनिक सुधार के लिए राजस्व जिलों का पुनर्गठन होगा। नगर निगम जोन की तरह नए जिले बनेंगे जिससे संख्या 11 से बढ़कर 13-14 हो सकती है। सरकार का मानना है कि छोटे जिलों से काम तेजी से होगा विवाद कम होंगे और जनता को डीएम कार्यालय में ही सभी सुविधाएं मिलेंगी। कुछ जिलों के नाम और सीमाएं भी बदल सकती हैं।

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    राजस्व जिले 13 बनें या 14, इस पर हो रहा मंथन।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर करने के लिए नए सिरे से राजस्व जिले बनाए जाएंगे। नगर निगम के क्षेत्रीय जोन की तर्ज पर राजस्व जिले बनाने पर विचार हो रहा है। वर्तमान के 11 जिलों की जगह संख्या 13 से लेकर 14 तक हो सकती है। सरकार की पिछली बैठकों में अभी तक 13 और 14 जिले बनाने के अधिकारियों की ओर से सरकार को प्रस्ताव मिले हैं।

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    दिल्ली में नगर निगम के हैं 12 क्षेत्रीय जोन हैं। एनडीएमसी (नई दिल्ली नगर पालिका परिषद) और छावनी बोर्ड एरिया उसमें शामिल नहीं है । नए प्रस्ताव के तहत एनडीएमसी और छावनी बोर्ड एरिया के लिए अलग-अलग जिले बनें या एक जिला बने इस पर भी विचार हो रहा है।

    सरकार का मानना है कि जिलों का आकार छोटा होने से कामकाज तेज़ होगा और निगरानी की व्यवस्था मजबूत बनेगी। अभी तक कई बार अलग-अलग विभागों के बीच सीमाओं को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं, लेकिन नए जिलों और सीमाओं के तय होने के बाद ऐसे विवाद खत्म होने की उम्मीद है। जनता को भी राहत मिलेगी क्योंकि अब वे अपनी सभी शिकायतें सीधे जिला अधिकारी (डीएम) के पास ले जा सकेंगे।

    नए ढांचे में जिलाधिकारी को अन्य राज्यों के जिला अधिकारियों जैसी शक्तियां दी जाएंगी। डीएम कार्यालय में ही दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, समाज कल्याण विभाग और अन्य अहम विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद रहेंगे।. इससे न केवल समन्वय बेहतर होगा बल्कि जनता को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे।

    दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के जोन को ही नए जिले बनाने की योजना है। इस प्रक्रिया के चलते कुछ मौजूदा राजस्व जिलों के नाम और उनकी भौगोलिक स्थिति बदल सकती है। माना जा रहा है कि शाहदरा जिला समाप्त हो सकता है, जबकि दक्षिण और दक्षिण-पूर्व जिले को भी नए स्वरूप में लाया जा सकता है। इसी तरह बाहरी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम जिले के नाम और सीमाओं में भी बदलाव संभावित है।

    यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में जिलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली में दो नए जिले बनाए थे। वर्ष 2012 से पहले दिल्ली में राजस्व के कुल नौ जिले होते थे, लेकिन यमुनापार में शाहदरा और दक्षिणी दिल्ली में दक्षिणी-पूर्व दो नए जिलों का गठन किया गया था।

    जिन नामों से नए जिले बनाने पर हो रहा विचार

    मध्य, दक्षिणी, पश्चिमी, नजफगढ़, रोहिणी, सिविल लाइंस, करोल बाग, एसपी-सिटी, केशवपुरम, नरेला, शाहदरा उत्तरी, शाहदरा दक्षिणी के अलावा छावनी बोर्ड व एनडीएमसी को लेकर नया जिला बनाने पर बात हो रही है। इस तरह 13 जिलों का प्रस्ताव है, एक अन्य प्रस्ताव के तहत छावनी बोर्ड व एनडीएमसी को अलग अलग दो जिले बनाने पर बात भी हो रही है। प्रस्ताव के तहत इन दोनों जिलों में कुछ नया इलाका जोडने की बात है। ऐसा होता है जिलों की संख्या 14 हाे सकती है।