संसद सुरक्षा में चूक मामले में आरोपित की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, 8 अक्टूबर को होगी सुनवाई
संसद सुरक्षा चूक मामले में आरोपी ललित झा की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की है। झा ने ट्रायल कोर्ट के जमानत इनकार के आदेश को चुनौती दी है तर्क दिया कि वह डेढ़ साल से हिरासत में है और गवाहों में कोई सांसद शामिल नहीं है। अभियोजन पक्ष झा को साजिशकर्ता मानता है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संसद सुरक्षा में चूक मामले में आरोपित ललित झा की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी।
ललित झा ने जमानत देने से इन्कार करने के ट्रायल कोर्ट के 28 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है। आरोपित ने कहा कि 15 दिसंबर 2023 को आत्मसमर्पण करने के बाद से वह डेढ़ साल से अधिक समय से हिरासत में है। जमानत की मांग करते हुए आरोपित ने कहा कि अभी मामले में जिरह चल रही है और मामले में दाखिल मुख्य आरोपपत्र के अनुसार 133 गवाह हैं।
गवाहों की सूची में एक भी संसद सदस्य का नाम शामिल नहीं है। ललित झा ने तर्क दिया कि संसद सदस्यों को कोई नुकसान, चोट नहीं आई है और न ही संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते समय सही तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार नहीं किया है।
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि ललित झा एक साजिशकर्ता है और उसने संसद भवन के गेट नंबर-दो और तीन के बाहर एक वीडियो रिकार्ड किया ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में व्यापक प्रचार किया जा सके। वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी की तारीख पर आरोपित सागर शर्मा और मनोरंजन डी. संसद भवन में चल रहे शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे।
इस दौरान उन्होंने स्माग कलर गन से गैस छोड़ते हुए नारेबाजी की थी। वहां मौजूद कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़कर सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर दिया था। इस दौरान दो अन्य आरोपितों अमोल धनराज शिंदे और नीलम आजाद को संसद परिसर के बाहर कलर स्माग गन से स्प्रे करते हुए पकड़ा गया था। मामले में जुलाई माह में अदालत ने नीलम आजाद व महेश कुमावत को जमानत दे दी थी।
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